विधायक का एलानः एसपी नहीं हटाई गईं तो ढाई साल बिता दूंगा धरने पर
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। शोहरतगढ़ विधायक विनय वर्मा को जिला मुख्यालय के मुख्य चौराहे पर धरने पर बैठे आज पाचवां दिन है। मगर शासन प्रशासन के कानों पर जू नहीं रेंग रहा है। जबकि एक दशक पूर्व यदि सत्ता पक्ष के किसी विधायक द्धारा धरने पर बैठने की घोषणा करते ही शासन और प्रशासन में हलचल मच जाती थी। मगर भाजपा सरकार की सहयोगी पार्टी अपना दल एस. के विधायक की बातों पर कोई गौर तक नहीं कर रहा है।विधायक विनय वर्मा अपने के एक थानाध्यक्ष को हटाने की मांग कर रहे थे। मगर जब पुलिस कप्तान ने उनकी बात नहीं मानी तो वह कप्तान के खिलाफ भी संघर्ष पर उतर आये और धरने पर बैठ गये। प्रकरण एक दलित व्यक्ति को इंसाफ दिलाने को लेकर है।
विधायक विनय वर्मा शोहरतगढ़ क्षेत्र के विधायक हैं। उनके क्षेत्र में एक गांव अकरा है। उसी गांव के एक दलित युवक की मौत हुई, इस मौत को सुनियोजित हत्या की गई है। मगर उस गरीब परिवार की बात पुलिस ने नहीं सुनी। इस मामले को विधयक वर्मा ने उठाया। दारोगा ने फिर भी कार्रवाई नहीं की। बकौल विधायक उन्होंने मुख्य सचिव, आई जी ला एंड आर्डर, डीजीपी आदि सबसे फरियाद की। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी से भी कहा। बकौल विधायक वर्मा मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें जानकारी दी गई है कि मामले में कार्रवाई हो गई है। मगर विधायक बताते है कि मुख्यमंत्री को भी गलत सुचना देकर गुमराह किया गया। इसके बाद उनके पास धरने पर बैठने के अलावा कोई चारा ही नहीं था।
विधायक विनय वर्मा के धरने का शासन प्रशासन द्धारा कोई असर न लेने के विषय में विधायक कहते हैं कि मै जनता से पैसा नहीं लेता। सदा उनके लिए लड़ता रहता हूं। मै इस धरने से हटूंगा नहीं। चाहे अगला चुनाव आ जाये। उन कहना है कि जनता ही उनकी थाती है। मुझे पुलिस अधीक्षक अथवा दारोगा से कोई लेना देना नहीं है। जनता ही मेरी दौलत है। जनता के लिए मै सदैव लड़ूंगा। यह अनशन तब तक चलेगा जब तक एसी महोदय की स्थानांतरण नहीं हो जाता। चाहे उन्हें अगले चुनावयानी ढाई साल तक इंतजार ही क्यों न करना पड़े।