अशोगवा-मदरहवा बांध टूटा, 50 से अधिक गांवों में जल प्लावन, कई घर बहे, हजारों हेक्टेयर फसल डूबी
सैलाब से अब तक दौ सौं गांव और 60 हजार हेक्टेयर धान की फसल बुरी तरह प्रभावित, हर तरफ राहत और बचाव की बढ़ती जा रही मांग
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। बूढ़ी राप्ती नदी के दाये किनारे पर अशोगवा बांध बीती रात सैलाब के दबाव के चलते अचानक टूट गया। इटवा क्षेत्र के ग्राम सौनौली के पास दूसरे तटबंध के टूटने से लगभाग पचास गांवों में जलप्लावन की हालत हो गयी है तथा हजारों हेक्टेयर धान की फसल पानी में डूब गई है। इस प्रकार जिले में बाढ़े से लगभग सौ गांव मैरुण्ड और 200 गांव प्रभावित हैं। लगभग 60 हजार हेक्टेयर फसलों के क्षतिगस्त होने का अनुमान है। बाढ़ की भयानकता से ग्रामीण इलाकों में त्राहि त्राहि मची हुई है।
तहसील क्षेत्र के असोगवा नगवा बांध भगौतापुर पश्चिमी गांव के पास कटान होने से एक घर जमींदोज हो गया तथा दो घरो मे कटान जारी है। बांध मे कटान बुधवार की देर रात 11 बजे से शुरू हुई और रात 2 बजे तक बांध तकरीबन 20 मीटर की चौडाई में टूटकर बह गया जिससे आसपास के नवेल, बुड़ुइया, सोनौली, औरहवा, गौरडीह, धोबहा आदि लगभग पचास गांवों मे बाढ़ का पानी घुस गया है।
भयानक सैलाब के चलते फसल, अनाज के साथ लोगो का काफी नुकसान हुआ है। घरो मे पानी घुसने से पूरे क्षेत्र मे अफरा तफरी का माहोल है। लोग सुरक्षित स्थान पर परिजनो को पहुचा रहे है। सूचना मिलने के बाद जिलाधिकारी संजीव रंजन ने कटान स्थल का जायजा लेकर आवश्यक निर्देश दिया। कटान मे इन्द्रजीत पुत्र जमुना का घर बह गया है तथा राम किशुन व विन्देश्वरी पुत्र झिन्नू के मकान भी बहने के कगार पर था।
भगौतापुर के ग्रामीण बंध टूटने की आशंका दिये थे विभाग को
भगौतापुर गांव के ग्रामीणों का कहना है कि शाम से ही बांध मे रिसाव हो रहा था। वह पूरी रात जिम्मेदार अभियंताओ से बोरी व सामान की मांग करते रहे परंतु किसी ने ध्यान नही दिया। इनका कहना है कि समय से सामान मिलता तो कटान नही होता। सबसे बड़ी बात यह है कि पुराने तटबंध में जगह जगह रैटहोल थे मगर सिचाई विभाग ने उसके मरम्मत पर ध्यान नहीं दिया। ग्रामीणों का कहना है कि तीन चार दिनों से तटबंध के टूटने की आशांका से प्रशासन को अवगत कराया जा रहा था मगर किसी ने ध्यान नहीं दिया, जिसका नतीजा आज ग्रामीण सह रहे हैं।
डीएम एसपी लगातार कर रहे दौरा
जिलाधिकारी संजीव रंजन व पुलिस अधीक्षक अमित कुमार आनंद बाढ़ क्षेत्र का लगातार दौरा कर रहे हैं। दूसरी तरफ डीएम संजीव रंजन, एसपी अमित आनंद तहसील शोहरतगढ़ के बाढ़ प्रभावित गांव में पहुंचकर स्टीमर से बाढ़ पीड़ितों को बाहर निकालने का रेस्क्यू अभियान शुरू कराया गया। खजुरिया के पास राष्ट्रीय राजमार्ग एवं इटवा मार्ग का जायजा लिया। सभी ने बाढ़ पड़ितों की हर संभव मदद का आश्वासन दिया।
उन्होंने कहा है कि लोगों की सुरक्षा के लिए संवेदशील इलाकों में एनडीआरएफ, पीएसी व पुलिस जवान जगह-जगह लगा दिये गये हैं। इटवा मार्ग पर ज्यादा पानी होने के कारण अवरुद्ध कर दिया गया है। प्रशासन नजर बनाए हुए है। इन सभी ने नजरगढ़वा, रेक हट, गुलरगजवा, अकरहरा आदि गांव में स्टीमर से पहुंचकर बाढ़ पीड़ितों से मुलाकात की और वहां से तमाम लोगों को स्ट्रीमर के माध्यम से सुरक्षित ढंग से बाहर लाया।
बता दें कि पिछले सप्ताह से शुरू हुए बाढ़ के कारण अब तक जिले में लगभग 60 हजार हेक्टेयर खेती प्रभावित है, जिनमें 100 गांव पानी से बुरी तरह घिरे हुए है। सैलाब से अब तक पांच लोगों की मौत हो चुकी है। मगर किसी भी गांव में हल्का लेखपाल नहीं देखे जा रहे हैं। जहां प्रशासनिक अधिकारी जाते हैं वहीं लेखपाल भी देखे जाते हैं।