अतिक्रमण: पूर्व चेयरमैन बुल्डोजर के सामने लेटे फिर भी चबूतरा टूटा, कहा- उत्पीड़न नहीं रुका तो आत्मदाह करेंगे
एसपी अग्रवाल ने लगाया नगर पालिका प्रशासन और अध्यक्ष पर दुश्मनी निकालने का आरोप
अजीत सिंह
सिद्धार्थनगर। उत्तर प्रदेश सरकार के मंशानुरूप अतिक्रमण हटाने के लिए प्रशासन कठोर है। ज्वाइंट मजिस्ट्रेट IAS जगप्रवेश के नेतृत्व में अतिक्रमण अभियान जारी है। इसके लिए रविवार करीब करीब 6 बजे से दोपहर बाद तक घंटों अफरा तफारी भरा ड्रामा हुआ। अतिक्रमण हटाने गई टीम को लोगों के कड़े विरोध का सामना करना पड़ा। हास्यास्पद स्थिति तब हो गई जब भाजपा सांसद जगदंबिका पाल के प्रतिनिधि व पूर्व नगर पालिका परिषद सिद्धार्थनगर के अध्यक्ष एसपी अग्रवाल अपना 25 फुट कब्ज़ा किया हुआ चबूतरा तोड़ने के विरोध में सड़क पर लेट गए। पुलिस उन्हें वहां आम काफी मशक्कत के बाद उठाकर ले गई और अतिक्रमण अभियान जारी रखा। एसपी अग्रवाल ने नपा प्रशासन और अध्यक्ष पर दुश्मनी निकालने का आरोप लगाया है।
क्या है मामला
प्रशासन ने पूर्व नियोजित कार्यक्रम के अनुसार रविवार सुबह करीब छह बजे नगर के सिद्धार्थ तिराहा से बांसी टैक्सी स्टैंड के बीच अतिक्रमण हटाओ अभियान संचालित किया। अफरा तफारी भरे ड्रामा के बीच बहुचर्चित एक होटल व एक बाइक एजेंसी के सामने रोड पटरी पर हुए अतिक्रमण को हटाने के साथ अभियान की शुरूआत की। सांसद प्रतिनिधि व पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष एसपी अग्रवाल ने अभियान का विरोध करने का प्रयास किया। पुलिस ने कड़ी मशक्कत के बाद उन्हें वहां से हटाया।
एक सप्ताह पहले से चल रहा है अभियान
प्रशासन ने चार दिन अभियान को स्थगित करने के बाद एक बार फिर से नगर के सिद्धार्थ तिराहा के पास से अभियान को नए सिरे से शुरू किया। एक होटल व्यवसायी ने करीब 12 फीट पटरी पर अतिक्रमण कर रखा था। इसे टीम ने ध्वस्त किया। पटरी पर ही पिलर तैयार कर तीन मंजिला होटल बनाया था। पिलर हटाने में पूरी बिल्डिंग ध्वस्त होने की आशंका को देखते हुए एक सप्ताह में हटाने से संबंधित नोटिस दी। इसी के बगल में सांसद प्रतिनिधि की बाइक एजेंसी का चबूतरा तोड़ा गया। नगरालिका के मुताबिक इन्होंने करीब 25 फीट पटरी पर कब्जा किया था। इसके बाद अभियान आगे की ओर बढ़ा।
IAS जगप्रवेश के कड़े फैसले से खुश हुई जनता
ज्वांइट मजिस्ट्रेट जगप्रवेश ने अभियान का नेतृत्व किया। जुटी बाजारू जानता ने IAS जगप्रवेश द्वारा लिए गये कड़े फैसले से गदगद दिखे। एसपी अग्रवाल ने इन पर कई बार प्रभाव डालने का प्रयास भी किया। जब प्रभाव नहीं पड़ता देखा तो अकेले ही धरने पर बैठ गए। कुछ दूरी पर मौजूद उनके पुत्र भी समर्थन में आगे बढ़े तो पुलिस वालों ने उन्हें रोक दिया। अधिकारियों ने इन्हें किसी प्रकार वहां से उठाया तो कुछ दूर आगे जाकर सड़क पर लेट गए। जनसमर्थन नहीं मिलता देख कुछ देर में वापस भी हो गए। कुछ देर बाद वह वापस लौटे और तहसीलदार सदर राम ऋषि रमन व एसओ सदर तहसीलदार सिंह के पास आकर चेतावनी दी कि शासन व प्रशासन उनकी सुनवाई नहीं कर रहा है, वह आत्मदाह कर लेंगे।
50 वर्ष पुराने आदेश को प्रभावी बताते रहे सांसद प्रतिनिधि
सांसद प्रतिनिधि व पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष एसपी अग्रवाल ने ज्वाइंट मजिस्ट्रेट जगप्रवेश को 50 वर्ष पुराना सिविल जज बस्ती का एक आदेश दिखाया। ज्वाइंट मजिस्ट्रेट ने इन्हें समझाया कि इस आदेश को पारित हुए पांच दशक से अधिक समय बीत गया है। पहले पता करा लीजिए कि यह आदेश प्रभावी है कि नहीं। इसके लिए आपको न्यायालय में प्रश्न-उत्तर (सवाल-जवाब) दाखिल करना होगा।
एसपी अग्रवाल ने कहा
सांसद प्रतिनिधि व पूर्वा चेयरमैन एसपी अग्रवाल ने मीडिया को बयान देते हुए कहा कि वर्तमान नपा अध्यक्ष दुश्मनी निकाल रहे हैं। उन्होंने कहा मेरे चबूतरे से उन्होंनेे 8 फिट और अधिक तोड़ दिया। उन्होंनेे अपना पक्ष उच्चाधिकारियों के समक्ष प्रस्तुत करने की भी कही। मजे की बात है कि ठीक बाइक एजेंसी के सामने ा अतिक्रमण देख तक नहीं जबकि वि पश्चिती पटरी के मुकाबले अतिक्रमण की जद में अधिक था। इसलिए इसमें राजनीति की बू की आशंका भी व्यक्त की जा रही है।