आग लगने पर कुआं खोंदने की नीतिः तीन मौतों के बाद टूटी प्रशासन की नींद, अतिक्रमण हटा

August 11, 2024 1:42 PM0 commentsViews: 247
Share news

नजीर मलिक

सिद्धार्थनगर। डुमरियागंज में सड़क हादसे में मां़बेटी और आठ माह के गर्भस्थ शिशु की मौतों के बाद  प्रशासन की नींद टूटी और उसने इटवा रोड से अतिक्रमण हटा दिया। लेकिन केवल वहां से अतिक्रमण हटाने से काम न चलेगा। ऐसे अतिक्रमण  जिले में अनेक स्थानों पर हैं उन पर कब कार्रवाई होगी? इसके अलावा अतिक्रमण को लेकर सबसे बड़ा सवाल यह है कि प्रशासन की नींद तभी क्यों टूटती है जब तक कि इस प्रकार की कोई दुखद घटना नहीं हो जाती है।

बता दें कि नाग पंचमी के दिन ससुराल से भाई के साथ बेटी को लेकर मायके जा रही एक गर्भवती महिला को प्राइवेट बस ने कुचल दिया था, जिससे मौके पर ही मां बेटी के साथ ही गर्भ में पल रहे आठ माह के शिशु की भी दर्दनाक मौत हो गई थी। इस हादसे से लोगों में सड़क किनारे भवन निर्माण सामग्री रखकर किए गए कब्जे को लेकर आक्रोश व्याप्त हो गया था। लाश को देर शाम पोस्टमार्टम के लिए भेजने के बाद तहसील और नगर पंचायत प्रशासन अवैध अतिक्रमण को लेकर हरकत में आ गई थी।

नगर पंचायत में राप्ती नदी के पुल से लेकर बैदौलागढ़ चौराहे और पचऊथ नहर के पास सड़क पटरी पर अवैध अतिक्रमण किया गया है। भारतीय स्टेट बैंक से लेकर ब्लॉक मुख्यालय तक तो कुछ लोगों ने स्थाई दुकानें भी अतिक्रमण कर बना रखा हैं। सभी अतिक्रमणकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के साथ ही अतिक्रमण हटाया जाना जनहित में अत्यंत आवश्यक है। जिससे लोगों को गाड़ियों के पार्किंग सुविधा के साथ ही किसी दुर्घटना का शिकार न होना पड़े। इस बारे मे अधिवक्ता आशीष कुमार श्रीवास्तव, हाजी निजामुद्दीन और अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के जिलाध्यक्ष सुगंध अग्रहरि ने कहा कि अतिक्रमण से जहां जान चली जाए, वहीं अतिक्रमण हटवाना नाकाफी है। प्रशासन को ऐसे सारे अतिक्रमण को हटा देना चाहिए।

दरअसल प्रशासन की नीति आग लगने पर बाल्टी खरीदने की है। जबकि होनों तो यह चााहिए कि आग लगने की आशंका से बालल्टियों का इंतजाम पहले ही हो। ऐसे ही जिले में जहां भी अतिक्रमण के चलते मौतें होती है वहां प्रशासन जनाक्रोश को देखते हुए अतिक्रमण हटा तो देता है जो दो चार दिन बाद फिर वैसे का वैसा हो जाता है। नागरिकों का कहना है कि हर साल दुघर्टना में औसतन 125  लोगों की जान जाती है। 300 लोग घायल अथवा अपंग होते हैं। ऐसे में दुघर्टना के मद्देनजर प्रशासन को अतिक्रमण हटाने की एक ठोस नीति बनानी चाहिए।

 

Leave a Reply