जगदम्बिका पाल को मंच पर जगह ने देकर कुलपति ने “अतिथि देवो भव” परम्परा का मजाक उड़ाया?
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। सिद्धार्थ विश्वविद्यालय में कल प्रथम दीक्षांत समारोह के अवसर पर कुलपति रजनी कांत पांडेय द्धारा सांसद जगदम्बिका पाल की अपमान जनक उपेक्षा भारतीय जनता पार्टी के खेमे में चर्चा का विषय बनी हुई है। भारतीय संस्कृति के जानकार भी इसे भारत की अतिथि देवो भव परम्परा का उल्लंघन मान रहे हैं। समझा जाता है कि कल कि घटना के बाद क्षुब्ध भाजपाइयों की जमात कुलपति के खिलाफ मोर्चा भी खोल सकती है।
दरअसल कल कपिलवस्तु में सिद्धार्थ विश्वविद्याल के प्रथम दीक्षांत समारोह में कुलधिपति/ पद्रेश के राज्यपाल राम नाइक भाग लेने आये थे। जगदम्बिका पाल खुद राज्यपाल साथ हेलीकाप्टर में बैठ कर आये थे। इस लिहाज से उनकी हैसियत केवल क्षेत्रीय सांसद की ही नहीं बल्कि मुख्य अतिथि/ राज्यपाल के अतिथि साथी की भी थी। मगर जब राज्यपाल महोदय समारोह स्थल पर पहुंचे तो कुलपति पांडेय ने पाल को मंच पर ने ले जा कर उनकी उपेक्षा कर दी।उन्हें मंच पर न तो बिठाया, न ही अामंत्रित किया। जिससे जगदम्बिका पाल, दीघा में बैठने को मजबूर हुये।
पता चला है कि इस घटना के बाद भाजपाइयों में काफी क्षोभ है। इसे वे कुलपति की सोची समढी हरकत मान रहे हैं। आम भाजपा नेताओं का मानना है कि अहर्ता न रखते हुए भी समाजवादी पार्टी के एक नेता की कृपा से इस कुर्सी पर पहुंचे कुलपति भाजपा को पसंद नहीं कर पा रहे। बतां दें कि वह सपा की राजनीति से भी जुडे रहे हैं। सपा के जमाने में मंच में सपाइयों की भीड़ रहा करती थी।
अब खबर है कि भाजपा के लोग कुलपति के खिलाफ आरोपों का पुलिंदा तैयार कर रहे हैं, जिनमें बिना अहर्ता के उनका कुलपति पद पर आसीन होना भी है। खबर है कि उनके खिलाफ चार्जशीट बना कर कुछ नेता शीघ्र ही राज्यपाल से मिलेंगे। इस बारे में जब कुलपति का पक्षा जनने का प्रयास किया गया तो उनके मोबाअल से सम्पर्क नहीं हो सका, जबकि सांसद जगदम्बिका पाल का कहना है कि शायद कुलपति जी सपा की फेबिया से उबर नहीं पाये हैं।