शिक्षित और स्वावलंबी महिला दे सकती है राष्ट्र निर्माण में योगदान- हर्षिता माथुर
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। आधुनिक युग में समाज की आधी आबादी कसे मुख्य धरा से अलग कर समग्र विकास की कल्पना नहीं की जा सकती। देश और समाज में महिलाओं की भूमिका को प्रभावशाली बनाने के लिए बालिकाओं को शिक्षित और स्वावलंबी बनना होगा।
उपरोक्त विचार मुख्य विकास अधिकारी श्रीमती हर्षिता माथुर ने व्यक्त किया। वह मौलाना आजाद डिग्री कालेज मसिना में आयोजित “राष्ट्र निर्माण में महिलाओं की भूमिका“ विषयक गोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि अपने विचार व्यक्त कर रहीं थीं। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि महिला वर्ग को अवसर का लाभ उठाना चाहिए।
सीडीओ श्रीमती हर्षिता माथुर ने अपने सम्बोधन में अपने शैक्षणिक संघर्षों व निजी पुष्ठिभूमि के कई प्रसंगों को प्रस्तुत करते हुए कहा कि आज महिला समाज का आगे बढ़ना कठिन जरूर हो सकता है मगर असंभव नहीं। शिक्षित एवं स्वावलंबी महिला राष्ट्र निर्माण में पुरुषों की तरह ही योगदान देने में सक्षम है। उन्होंने महिलाओं के प्रति पुरुषों से भी अपना दृष्टिकोण बदलने की बात कही।
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि श्रामती सौम्या पांडेय प्रशिक्षु आईएएस ने कहा कि हम सभी को जीवन के प्रत्येक क्षे़त्र में नकारात्मकता से बचना चाहिए। उन्होंने छात्राओं से सीधा संवाद करते हुए उनकी हर समस्या को व्यक्तिगतस्तिर से दूर करने का आश्वासन दिया।
इससे पूर्व महाविद्यालय के प्रबंधक मुमताज अहमद ने दोनो अतिथियों का स्वागत ेरते हुए आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन पूर्व प्राचार्य कालिका प्रसाद ि़पाठी ने व्यक्त किया। इस अवसर पर राकेश गुप्ता, चन्द्रकला यादव, धीरेन्द्र कुमार, विश्वनाथ श्रीवास्तव, कु. शशि त्रिपाठी व छात्र छात्राओं की उपस्थिति रही।