oh my god़़- बाप ही निकला बेटी का कातिल, ऐसे किया “लव स्टोरी” का अंत
मुम्बई जाने का बहाना कर घर से निकला, फिर स्कूल के बाहर बेटी से मिला और उसे घुमाया फिराया, अंत में शाम तक अंधेरा होते ही बेटी को मार डाला
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। आखिर कपिलवस्तु पोस्ट की इंवेस्टीगेटिव रिपोर्ट सच निकली। कक्षा 11 की परीक्षा देने घर से निकली छात्रा संध्या प्रजापति का कत्ल उसके बाप ने ही किया था। उसकी बेटी किसी विजातीय युवक से प्रेम करे तथा लोग उसका मजाक बनायें, यह बाप पिता प्रह्लाद प्रजापति को पसंद नहीं थी। अन्ततः बहुत चतुराई से प्लान बना कर उसने बेटी का कत्ल (आनरकिलिंग) कर दिया, मगर आखिर में कानून की जद में आ ही गया। इस प्रकार इस प्रेम कहानी का बहुत बदसूरत अंत हुआ।फिलहाल पिता प्रह्लाद को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
पुलिस अधीक्षक ने बताया
पुलिस अधीक्षक प्राची सिंह ने प्रेस कान्फ्रेंस में बताया कि 17 वर्षीया संध्या प्रजापित की हत्या उसके पिता प्रह्लाद ने की थी। वह अपनी बेटी के प्रेम करने तथा प्रेमी से मिलने के कारण बहुत आवेश में रहता था। इस प्रकरण में पुलिस ने संध्या के प्रेमी अंकित को हिरासत में रखा था, मगर पुलिस ने जांच में सच निकाल ही लिया। प्रह्लाद ने भी अपना जुर्म स्वीकार कर लिया है और उसे जेल भेज दिया गया है।
संध्या और अंकित करते थे आपस में प्रेम
दरअसल शोहरतगढ़ थाने के निकट खरगवार गांव के रहने वाले संध्या और अंकित की प्रेम कहानी जितनी सुदर है उसका अंत उतना ही बदसूरत और खौफनाक है। संध्या जहां ओबीसी वर्ग की थी वहीं अंकित जाति से ब्राह्मण था। बावजूद इसके दोनों काफी दिनों से दोनों एक दूसरे से प्रेम करते थे। दोनों परिवारों की रोक टोक के बावजूद वे एक दूसरे से मिला करते थे। गांव में मिलने वाले तानों से तंग आकर आखिर प्रह्लाद प्रजापति ने इस प्रेम कहानी का अंत करने की ठान लिया। इसकेलिए उसने एक ठोस मगर खौफनाक प्लान बना डाला।
कैसे मारा अपनी प्यारी बेटी को
पुलिस और प्रह्लाद के बयान के मुताबिक उसने शुक्रवार को संध्या की परीक्षा थी। वह तैयार होकर शिवपति इंटर कालेज शोहरतगढ़ गई। उसका गांव कालेज के निकट ही है। दूसरी तरफ उसका पिता प्रह्लाद कमाने के बहाने मुम्बई जाने की बात कह कर शुक्रवार को घर से निकल गया। वह शोहरतगढ़ रेलवे स्टेशन पहुंचा मुम्बई का टिकट लिया। मगर मुम्बई जाने के बजाये वहीं घूमता रहा। 11 बजे परीक्षा समाप्त हुई तो संध्या स्टेशन की तरफ से घर के लिए निकली। उसकेपिता ने उसे रोक लिया और बातचीत में जोग माता मंदिर के दर्शन के बहाने उसे लेकर 20 किमी दूर जोगिया उदयपुर कस्बे में ले आया। दोनों बाप बेटी दिन भर घमते रहे। शाम होने पर दोनों गांव से बाहर हुंचे तो वहां पिता प्रह्लाद ने प्लान के मुताबिक बेटी का गला घोंट कर मार डाला और प्रह्लाद ने पहले साथ में रखे कुछ खिचड़ीनुमा दाल चावल वहां बिखेर दिये ताकि लोग समझें कि उसे जहर की उल्टी हुई है। इसके बाद वह आराम से वहां से टेन पकड़ कर लखनऊ चला गया। गांव व घर के लोग समझते रहे कि वह मुम्बई गया हुआ है।
कैसे पकड़ा गया कातिल पिता
10 फरवरी को जब गांव से बाहर संध्या की लाश मिली तो संध्या की मां के तहरीर के आधार पर उसके प्रेमी अंकित उपाध्याय को हिरासत में लेकर पूछताछ की जाने लगी। लेकिन अकित द्धारा संध्या का कत्ल करने के पीछे कोई ठोस कारण न मिला। उधर अकित केपिता को फोन पर खबर दी गई तो उसने बताया वह रास्ते में है और तत्काल लौट रहा है। और वह ११ फरवरी को प्लान के मुताबिक लौट भी आया। इस दौरान पुलिस को कुछ मोबाइल फोन से अहम सुराग लगे। इस आधार पर जब पुलिस ने संध्या के परिजनों से क्रास बातचीत की गई तो एक दूसरे के बयानों मे भिन्नता मिली। इस पर जब पुलिस थोड़ा कड़ी हुई तो संध्या का पिता प्रह्लाद टूट गया और उसने संध्या के कत्ल का पूरा सच बता दिया। उसके बयान में थी आनरकिलिंग की भावना, जिसमें परिवार की इज्जत के नाम पर लोग प्रेम करने वाले बेटी बेटे का कत्ल तक कर दिया करते हैं। ऐसी प्रेम कहानियों में आनरकिलिंग की ऐसी घटनाएं पहले हरियाणवी समाज में देखने को मिलती थीं, मगर अब यह सामाजिक कोढ़ हमारे पूरबिया समाज में भी फैलने लगा है।