राहुल गांधी मुर्दाबाद के नारे का मतलब, कांग्रेस की लोकप्रियता का ग्राफ बढ़ तो नहीं रहा?
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर के अपमान के मुद्दे पर पिछले चार दिनों से जिले की सियासत बेहद गर्म रही। इसे लेकर भाजपा, कांग्रेस, सपा और बसपा काफी मुखर रही। भाजपा ने जहां कांग्रेस पार्टी की पूरी राजनीति को बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर के़ विरोध में बताया तो कांग्रेस व सपा ने संसद में गृहमंत्री अमितशाह क बयान को बाबा साहब का घेर अपमान बताया। इधर सपा ने भी चौधरी चारण सिंह की जयंती के माध्यम से भाजपा को अम्बेडकर विरोधी बताते हुए उसे जम कर कोसा। बसपा तो बहरहाल बाबा साहब के लिए मरने मिटने को हर संभव तैयार रहती है। बाबा साहब अम्बेडकर को लेकर भाजपा ने जो अधियान चलाया उसमें अम्बेडकर के प्रति प्रेम कम और नेता विपक्ष राहुल गांधी के प्रति आक्रोश अधिक दिखा। उनके मुर्दाबाद के नारे जम कर लगाये गये।
संसद में गृहमंत्री अमित शाह ने बाबा साहब को लेकर जा बात कही थी उसे लेकर कांग्रेस पहले से ही भड़की हुई थी। उसे लेकर जिले में भी उसने कई धरने प्रदर्शन किये और कहा कि गृहमत्री का यह कहना कि ‘जितना नाम अंबेडकर लेते हैं उतन भगवान का लेते तो स्वर्ग मिल जाता’ बाबा साहब के प्रति बेहद अपमानजनक है। इसके जवाब भी भाजपा ने बेहद आक्रामक तरीके से दिया। भाजपा ने सोमवार को जिला मुख्यालय पर सांसद जगदम्बिका पाल के नेतृत्व में कैडिल मार्च निकाला। मंगलवार को शहर में विशाल जुलूस निकाला।इस जुलूस में हजारों महिलाएं प्लेकार्ड लेकर नारे लगा रही थीं। लेकिनमजे की बात यह है कि जुलूस में बाबा साहब के समर्थन में लगभग न के बराबर नारा लग रहा था। बल्कि जुलूस में शामिल लोग राहुल गांधी-मुर्दाबाद के नारे में अधिक दिलचस्पी दिखा रहे थे।
भाजपा द्धारा पहली बार राहुल गांधी का नाम लेकर नारा लगाते देख जनता ताज्जुब में थी। शहरवासी वीरेन्द्र कुमार का कहना था कि इस नारे को सुन कर लग रहा है कि भाजपा पर राहुल गांधी का प्रभाव बढ़ता जा रहा है। एक अन्य जानकार आलोक कुमार का कहना था कि पहले के जमाने में भाजपा इंदिरा जी, राजीव गांधी मुर्दाबाद का नारा लगाते थे। इसका मतलब यह होता था कि वह उनके प्रभाव से भयभीत हैं। इसी प्रकार जिस राहुल गांधी को वे पप्पू कहते नहीं थकते थे, उसी राहुल के मुर्दाबाद का नारा लगााने से लगता है कि भाजपाई राहुलगांधी के बढ़ते प््रभाव से भयभीत भले न हों, चिंतित जरूर लगने लगे हैं।
यही नहीं बाबा साहब के मुद्दे पर सपा भी भजपा के प्रति आक्रामक है। गत दिवस पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंती पर आयोजित बैठक में सपाइयों ने भी भजपा की कड़ी आलोचना की। इसी क्रम में बसपा ने शहर के अॅबेडकर पार्क से जुलूस निकाल कर भाजपा पर कड़ा प्रहार किया। बसपा नेताओं ने कहा कि बाबा साहब अम्बेडकर का अपमान कर देश के करोड़ों दलितों पिछड़ों का अपमान किया है। जानकार यह कहते हैं कि हिंदुत्व की राजनीति के इस दौर में बाबा साहब के अपमान के मुद्दे पर देश का दलित व पिछड़ा वर्ग भाजपा से दूर न हो जाये, इसका खतरा बढ़ गया है। कांग्रेस के निवर्तमान जिलाध्यक्ष काजी सुहेल अहमद कहते भी है कि बाबा साहब का अपमान कर भाजपा ने दलितों और पिछड़ों में अपनी लोकप्रियता पूरी तरह खो दी है।