जिला पंचायतः शिवचन्द्र के लिए बड़ी कठिन है डगर पनघट की, अतहर अलीम सबसे बड़ा बाधा
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। जिला पंचायत सदस्य क्षेत्र संख्या 4 से उपचुनाव लड़ रहे भाजपा उम्मीदवार शिव चन्द भारती की जीत भाजपा और अपना दल के लिए प्रतिष्ठा का विषय बनी है। अनुसूचित जाति के को सदस्य निर्ताचित कराने के बाद उन्हें अविश्वास के जरिये जिला पंचायत अध्यक्ष बनाने कर लक्ष्य है। शिचन्द्र की डगर आसान नहीं है। उनके लिए कांग्रेस नेता अतहर अलीम से पार पाना आसान न होगा।शोरतगढ में यह चुनाव अतहर अलीम बनाम विधायक अमर सिंह के रूप में देखा जा रहा है।
दरअसल अतहर अलीम उस क्षेत्र का जाना पहिचाना नाम है। क्षेत्र के हिंदू–मुसलमान के हर सरोकारों से जुड़ना उनके परिवार की परम्परा रही है। इस सीट पर उनके पिता जो रिटायर्ड इंजीनीयर थे, हाल तक काबिज थे। उनकी मृत्यु से यह सीट खाली हुई है। अतहर अलीम की छवि बेदाग है। उपन पर कोई भी आरोप नहीं है। अतहर के मुकाबले अपना दल नेता शिवचन्द्र उम्मीदचार हैं, जिसेक्षेत्रीय विधायक अमर सिंह अपनी प्रतिष्ठा से जोड़ कर चल रहे हैं।
भाजपा उम्मीवार शिवचन्द्र के मुकबले पांच और उम्मीदवार हैं। यहां मुस्लिम मतदाता लगभग 30 फीसदी हैं। अतहर अलीम के अलावा शिचन्द्र के चार अन्य प्रतिद्धंदी हैं, जो भाजपा की ही पृष्टिभूमि के माने जाते हैं। जाहिर है कि वह उन्हीं का नुकसान करेंगे। दूसरी तरफ उन्की राजनीतिक पृष्ठिभूमि कमजोर है। क्षेत्र में उनकी पहिचान एक कार्यकर्ता की है, जबकि अतहर अलीम की छवि एक स्वतंत्र नेता की है।
अतहर अलीम की छवि हिंदू मुसलमानों में समान रूप से बेहतर है। इसकलए उन्हें हिंदू बिरादरी के वोट भी खासी तादाद में मिल सकते हैं। भाजपा के धुर विरोधी मुस्लिम वोट तो उन्हेंएक मुश्त मिलेंगे ही। इसलिए उनकी स्थिति मजबूत मानी जा रही है। जबकि शिवचन्द्र केसमक्ष भाजपा समर्थक वोटों में विभाजन का खतरा है।
दो विधायकों की प्रतिष्ठा दांव पर
भाजपा जिला अध्यक्ष ने इस सीट से रामपाल सिंह कर नामांकन कराया था। लेकिन शोहरतगढ विधायक अमर सिंह और सदर विधायक श्यामधनी राही शिवचन्द्र के समर्थक थे। माना जाता है किइन्हीं दोनों विधायकों के विरोध के कारण रामपाल का पर्चा वापस करा कर शिवचन्द्र को प्रत्यशी घोषित किया गया। दोनों विधायक क्षेत्र में शिवचन्द्र के लिए वोट मांग रहे हैं।
शिवचन्द्र अगर वह चुनाव नहीं जीते तो विधायकों की प्रतिष्ठा पर आंच आएगी। फिलहाल विधायक अमर सिंह शिवचन्द्र के लिए गांव गांव की खाक छान रहे हैं। आगे यह देखना दिलचस्प होगा कि वे शिव चन्द के लिए क्या कर पाते हैं। क्योंकि शिवचन्द जीते तो नाम इन्हीं दोनों विधायकों का होगा और हारे भी तो इन्हीं कि इज्जत पर आंच आयेगी।
10:00 PM
kisi keemat par vidhaayak ji loag shiv chandra ko nahi jita paayenge ,vote janta degi vidhayak nahi,