बालश्रम के लिए ले जाए जा रहे बच्चे को एसएसबी ने बचाया, एएचटीयू को किया सुपुर्द
अजीत सिंह
सिद्धार्थनगर। 43वीं वाहिनी सशस्त्र सीमा बल की सीमा चौकी अलीगढ़वा के जवानों ने बालश्रम के लिए मुंबई ले जा रहे नाबालिक लड़के को एएचटीयू पुलिस सिद्धार्थनगर को सुपुर्द किया है।
उक्त जानकारी देते हुए शक्ति सिंह, कमांडिंग अधिकारी 43वीं वाहिनी ने बताया की हमें सुचना प्राप्त हुई कि सीमा स्तम्भ संख्या 549 के पास अलीगढ़वा चेक पोस्ट के रास्ते नाबालिक लड़के को बाल श्रम हेतु सीमा पार ले जाने वाले है। सुचना प्राप्त होते ही सीमा चौकी अलीगढ़वा चेक पोस्ट ड्यूटी पर तैनात मुख्य आरक्षी चितरंजन कुमार के नेतृत्व में आरक्षी मुकेश तमांग, रविन्द्र सिंह यादव और आरक्षी नवीन कुमार द्वारा नेपाल से भारत एवं भारत से नेपाल आने-जाने वाले व्यक्तियों की गहन पूछ-ताछ एवं तलाशी ली जाने लगी।
इस दौरान एक व्यक्ति एक नाबालिक लड़के के साथ नेपाल से भारत आते हुए दिखाई दिया। संदेह के आधार पर उनको पूछताछ के लिए चेक पोस्ट पर तैनात कार्मिको द्वारा रोका गया और भारत जाने का कारण पूछा गया तो उन्होंने बताया कि वह दोनों भाई है और वह मुंबई जा रहे है। उनका आधार कार्ड चेक किया गया तो व्यक्ति के पास नकली आधार कार्ड बरामद हुआ, जिसपर उसका नाम असफाक (30 वर्ष) पिता असलम ग्राम मधुबनी ख़ास शिवपतिनगर जिला सिद्धार्थनगर उत्तर प्रदेश था।
तत्पश्चात मानव सेवा संस्थान ‘सेवा’ एवं एएचटीयू पुलिस सिद्धार्थनगर की उपस्थिति में गहनता से पूछ-ताछ करने पर उसने अपना नाम बाबुराम हरिजन उम्र 22 वर्ष, पिता सुक्कू चमार, गाँव- अभिराम, पोस्ट तौलिहवा जनपद कपिलवस्तु (नेपाल) बताया। साथ ही यह भी बताया कि मै मुंबई की फजुअल रहमान की फैक्ट्री में काम करता हूँ और नाबालिक राहुल हरिजन उम्र 13 वर्ष, पिता गणेश हरिजन गाँव मनोरा जनपद रूपनदेही (नेपाल) को पैसे के लालच में मुंबई फैक्ट्री में काम करने के लिए ले जा रहा हूँ।
जिसके लिए मुझे चार हजार प्रतिमाह के हिसाब से पैसा मिलेगा। उपरोक्त मामला बाल श्रम का प्रतीत हुआ जिसके कारण उचित कागजी कार्यवाही के पश्चात् समवाय प्रभारी, मानव सेवा संस्थान ‘सेवा’, सिद्धार्थनगर की उपस्थिति में उक्त नाबालिक नेपाली लड़के को एएचटीयू पुलिस सिद्धार्थनगर को अग्रिम कार्यवाही हेतु सुपुर्द किया गया।