जानवर नोचते रहे नौजवान की लाश, और चार दिन बाद हरकत में आई पुलिस
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। बासी टाउन के आर्यनगर निवासी 22 साल के महेन्द्र की नौजवान महेन्द्र की लाश घर से कुछ ही दूरी पर पड़ी थी। उसे जानवर नोच कर खा रहे थे और पुलिस के पास उसे देखने की फुर्सत नहीं थी।
महेन्द्र की क्षत विक्षत लाश राप्ती नदी के तट पर सोनखर गांव के पास से कल पुलिस ने बरामद किया। उसके कपड़ों के पास पड़े आधार कार्ड से पता चला कि वह शहर के आर्यनगर निवासी जोखन प्रसाद का भाई महेन्द्र है। महेन्द्र 3 मार्च को मेला देखने निकला था। तब से उसका पता नही चल पा रहा था।
इस बारे में सोनखर गांव के नागरिकों का कहना है कि लाश के बारे में चार दिन पहले ही उन लोगों ने फोन से बोसी कोतवाली को सूचना दी थी, लेकिन कोई मौके पर नहीं आया। पता नहीं कैसे पुलिस कल आई।
दूसरी तरफ कोतवाली के एसआई बीएन तिवारी का कहना है कि कल सोनखर गांव के प्रधान की सूचना मिली तो वह मौके पर पहुंचे और
लाश को कब्जे में लेकर कार्रवाई शुरू की। लाश क्षत विक्षत थी। उसका एक पैर पूरी तरह गायब था। चेहरे का मांस भी नुचा था। बस आधर कार्ड ही उसकी पहचना का आधार था।
महेन्द्र 3 मार्च को घर से बांसी के माध मेला मैदान में घर से मेला देखने के लिए निकला था। इसके बाद से वह घर नहीं लौआ था। अचानक सोनखर गांव में नदी के रेत के किनारे उसकी जानवरों द्धारा नोची लाश पाकर घर में कोहराम मच गया है।
क्या महेन्द्र किसी दुर्घटना का शिकार हुआ है या उसकी हत्या की गई है, इसका पता तो पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही चल सकेगा। लेकिन उसकी लाश को जिस प्रकार जानवर नोच कर खाते रहे और पुलिस सूचना पाकर भी खामोश रही, उससे विभाग की संवेदनहीनता का पता जरूर चलता है।