बढ़नी: योगी राज में प्रशासन के नाकारापन से नहीं उठे ताजिये, ताज़ियादारों में भारी आक्रोश
ओजैर खान
बढ़नी, सिद्धार्थनगर। एक धार्मिक व्यक्ति के सीएम होने के बावजूद उपनगर बढ़नी में प्रशासनिक अफसरों ने निकम्मेपन कि हद कर दी। उन्होंने ताजिया चौक की जगह को वक़्त रहते खाली नही कराया, जिससे ताजिये चौक पर नही पहुंचे और मुस्लिम समाज ताजिया दफनाने से महरूम रह गया। इससे क्षेत्रीय मुस्लमानों में और अन्य ताज़ियादारों में बहुत आक्रोश है। जिले के इतिहास में यह पहली घटना है जब किसी जगह मुहर्रम नहीं मनाया जा सका।
बताया जाता है कि उपनगर बढ़नी के चट्टी बाज़ार में जिस स्थान पर दुर्गा प्रतिमा स्थापित थी,वही जगह ताज़िया चौक के रूप में भी प्रयोग होता था। कस्बे में शनिवार की रात प्रतिमा विसर्जन था और डोला उठने के बाद वहां ताजिया बैठाना था। प्रशासन ने दोनों पक्षों में सहमति कराई थी, जिसके मुताबिक रात 11 से 11.30 बजे तक वहां से प्रतिमा का डोला उठ जाना था और 12 बजे रात में वहां ताजिया बैठ जाना था।
बताते है कि कल रात दुर्गा प्रतिमा का डोला समय से नही उठा और धार्मिक मान्यता के अनुसार रात बजे के बाद ज़वाल का समय हो जाने के कारण ताजिये चौक पर नही बैठ सके। डोला रात दो बजे उठाया गया। मुस्लिम पक्ष का आरोप है कि प्रशासनिक अफसरों ने प्रतिमा समय से उठवाने की गंभीर कोशिश ही नही की। उन्होंने ऐसा दबाव men में किया। प्रशासन के इस रवैये से दुखी लोगों ने मुहर्रम न मानने का फैसला ले लिया, जिसके तहत आज बढ़नी में मुहर्रम नहीं मनाया गया।
बहरहाल प्रशासन ने आज मुस्लिम पक्ष से बात कर ताजिया दफन कराने की कोशिश की। मगर ताज़ियादारों का कहना था कि जब एसडीएम और सीओ मिल कर चौक खाली नही करा पाये तो बिना चौक पहुंचे ताज़ियों को कर्बला कैसे ले जा सकते हैं। ताज़ियादारों का कहना है प्रशासन ने उनके साथ अन्याय किया है। जिससे वे दुखी हैं और विरोध स्वरूप उनके ताजिये घरों में ही रहेंगे।
उनकी नाराज़ी सडीएम एसपी सिंह और सीओ शिव सिंह की इस दलील से है कि भीड़ अधिक होने तथा महिलाओं के कारण वे चौक की जगह खाली नही करा सके। इस बारे में वहां के नेता अकील अहमद मुन्नू का कहना है कि जिस सरकार जे दबाव में अफसर इतने लाचार हों, उससे कभी न्याय की उम्मीद नही की जा सकती।