बढ़नी में साम्प्रदायिक बवालः शरारती तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई बेहद जरूरी
नेपाल से आने वाले असामाजिक तत्वों शिनाख्त कर कड़ा ऐक्शन ले पुलिस प्रशासन
उपद्रवी, साम्प्रदायिक तत्वों को चिन्हित कर की जा रही कार्रवाई- एस.पी. प्राची सिंह
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। अन्तर्राष्ट्रीय सीमा पर नेपाल के कृष्णानगर से सटे जिले के बढ़नी उपनगर में रविवार को जिस प्रकार दो समुदायों के लोगों ने आमने सामने होकर पत्थरबाजी किया, उससे एक बात साफ हो चुकी है कि लगभग डेढ़ दशक से शांत पड़े इस कस्बे में साम्प्रदायिकता के बीज फिर पनपने लगे हैं और इसे कृष्णानगर के कतिपय लोग भी हवा देने में लगे हैं। यह तो अच्छा रहा कि पुलिस ने किसी तरह समझा बुझा कर मामला शांत करा लिया, वरना किसी बडे़ अनिष्ट की आशंका संभव हो सकती थी।ॽ
तीन दिन पूर्व शुक्रवार को हुए रेप के एक मामले में पीड़िता और मुलजिम दोनों अलग अलग समुदाय के थे। फलतः मामले की संवेदनशीलता देखते हुए पुलिस ने तत्काल कार्रवाई कर आरोपी को गिरफ्तार कर उसे रेप व पाक्सो एक्ट के तहत जेल भेज दिया। इस घटना के बाद बढ़नी का माहौल थोड़ा गर्म था। दो दिन बाद रविर को कुछ लोग बाजार बंद करवाने के लिए सड़क पर उतर पड़े। वे आरोपी को फांसी देने और उसका घर बुलडोजर से ढहाये जाने की मांग कर रहे थे। स्थिति तब बिगड़ी जब एक विपरीत समुदाय के दुकानदार से दुकान बंद करने को लेकर कहा सुनी होने लगी। माहौल को गरमाते देख बंद के समर्थक और दुकान खोलने वाले के समर्थक वहां जुट गये और झड़प तेज होने लगी।इसी बीच कस्बे में दकान बंद कराने वाली दूसरी टीम ने पत्थर चलाये जाने की बात कही। पत्थरबाजी को लेकर दोनों समुदाय एक दूसरे पर आरोप लगा रहे थे। यहां एक बात गौरतलब है कि भीड में बढ़ी कस्बे से सटे नेपाल के कृष्णानगर कस्बे के कुछ चेहरे शामिल थे, जो आम तौर से अपने कस्बे में तनाव बढ़ाने के लिए कुचर्चित थे। जो पुलिस हस्तक्षेप के दौरान भाग निकले।
इस पूरे प्रकारण में दोष किसका है, यह तो जांच का विषय है। मगर लगभग डेढ़ दशक बाद कस्बे में अराजक तत्वों ने सर उठाया है यह चिंतनीय है। ऐसे तत्वों के खिलाफ कडी कार्रवाई करते हुए डेढ़ दशक पूर्व सख्त कार्रवाई करते हुए तत्कालीन पुलिस अधीक्षक आरपी चतुर्वेदी ने जो कहा था, उसे याद करना जरूरी है।
क्या किया और क्या कहा था एसपी ने?
डेढ़ दशक पूर्व 2009-10 में जिले के एसपी आर.पी. चतुर्वेदी साहब थे। उनके समय में बढ़नी में साम्प्रदायिक घटना हुई थी। एसपी चतुर्वेदी ने उस कांड में संलिप्त दर्जन भर लोगों को सिद्धार्थनगर में लाकर उनकी जबरदस्त घुलाई की थी। बाद में उन्होंने पत्रकारों से कहा था कि इस धुलाई के बाद वह कम से कम एक दशक तक शरारत भूल जायेगें।इस घटना को पन्द्रह साल हो चुके हैं। अब जाकर कहीं इस प्रकार की घटना दुबारा हुई है।
एक अन्य बात, पिछले कई वर्षों से नेपाल के कृष्णानगर में दशहरा आदि के अवसर पर वहां कुछ अवांछनीय तत्व गड़बड़ी फैलाते हैं। इस बार वह चेहरे बढ़नी कज्ञबे में देखे गये हैं। पुलिस को उन पर ध्यान देना जरूरी है।
एसपी प्राची सिंह ने कहा
इस बारे में जिले की एसपी प्राची सिंह का कहना है कि जिन लोगों ने बढ़नी का माहौल बिगााड़ा है उनको चिन्हित कर कार्रवाई की जा रही है तथा हिरासत में लिए गये लोगों से पूछताछ जारी है। किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जायेगा।