फर्जीवाड़े के आरोपी राकेश सिंह के बयान के बाद एक दर्जन अन्य फर्जी शिक्षकों की तलाश में लगी जांच टीम
अब तक पकड़े जा सके हैं लगभग 100 फर्जी शिक्षक, 90 के दशक के मध्य से ही चल रहा फर्जी शिक्षकों की नियुक्तियों का खेल
नजीर मलिक
चित्र परिचय—-पिछले दिनों पुलिस द्धारा पकड़ा गया कथित शिक्षा मफिया राकेश सिंह
सिद्धार्थनगर। शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में फर्जीवाड़े के मुख्य आरोपी राकेश कुमार सिंह के अभी जिले में 12 से अधिक फर्जी शिक्षक होने के बयान के बाद विभाग जांच में जुट गया है। बीएसए देवेंद्र कुमार पांडेय ने सभी बीईओ को भेजे पत्र में 2010 के बाद नियुक्त एवं स्थानांतरित शिक्षकों की सूचना निर्धारित प्रारूप पर चार जुलाई की शाम पांच बजे तक उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। बता दें कि जिले में फर्जी नियुक्तियों का खेल 90 के दशक के मध्य से ही ही चल रहा है।
राकेश ने १२ फर्जी नियुक्तियों का भेद खोला
जिले में शिक्षक भर्ती में फर्जीवाड़े के मुख्य आरोपी गैंगेस्टर राकेश कुमार सिंह ने पूछताछ में बताया था कि अभी जिले में 12 से अधिक फर्जी शिक्षक कार्यरत हैं। इसके बाद अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा के निर्देश पर डीएम संजीव रंजन ने फर्जीवाड़े की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित कर दी। इसमें एडीएम उमाशंकर, एएसपी सुरेश चंद्र रावत और बीएसए शामिल है। अब तक जिले में सौ से अधिक फर्जी शिक्षक पकड़े जा चुके हैं। मामले की जांच कर रही एसटीएफ मुख्य आरोपी समेत कई फर्जी शिक्षकों से पूछताछ कर चुकी है। डीएम की तरफ से गठित जांच समिति के माध्यम से बीएसए ने एक जून को सभी बीईओ को पत्र भेजकर शिक्षकों के संबंध में जानकारी उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है।
ईमानदारी से जांच हो तो 500 फर्जी शिक्षक मिलेंगे
कहते हैं कि जिले के प्राथमिक शिक्षा विभाग में फर्जी नियुक्तियों का खेल 1991 से ही शुरू हो गया था। इसके जोच की मांग उसी समय से ही शुरू हो गई थी। म्रर १९९६ के बाद इस मांग ने जो पकड़ना शुरू किया तो कभी कभार दो एक शिक्षक को बर्खास्त कर मामला खत्म कर दिया गया। लेकिन हाल के दिनों में इसकी गंभीरता से जांच शुरू हुई तथा राकेश सिंह की गिरफ्तारी के बाद इस फर्जीवाड़े की खुलासा करने का काम शुरू हुआ।शिक्षा विभाग के सूत्र बताते हैं कि यदि शिक्षा विभाग की ‘ए टू जेड’ जाखं की जाए तो तो कम कम पांच सषिक्षकों की फर्जी नियुक्तियों का रहस्य सामने आ सकता है।
नियम विरूद्ध संचालित स्कूल पर एक लाख जुर्माना
एक अन्य समाचार के अनुसार बीईओ उसका बाजार की रिपोर्ट के आधार पर उसका क्षेत्र के उटिया में संचालित सुभाष चंद्र बोस पब्लिक स्कूल पर एक लाख रुपये जुर्माना लगाया गया है। बीईओ ने रिपोर्ट में बताया है कि बिना मान्यता के संचालित सुभाष चंद्र बोस पब्लिक स्कूल के प्रबंधक को नोटिस देकर स्कूल बंद करने का निर्देश दिया गया था, इसके बावजूद स्कूल बंद नहीं किया गया। इसकी रिपोर्ट मिलने पर बीएसए देवेंद्र कुमार पांडेय ने स्कूल पर एक लाख जुर्माना लगाते हुए 15 दिन के अंदर जमा करने का निर्देश दिया है।