नगर निकाय चुनावों में टिकट देने के नाम पर धन उगाही को लेकर बसपा की बैठक में हंगामा
नजीर मलिक
बहुजन समाज पार्टी की एक महत्वपूर्ण बैठक में हुए हंगामें के बाद पार्टी के जिला संगठन में बिखराव की नौबत आ गई है। हंगामें का कारण नगर निकाय के चुनावों में प्रत्याशियों से टिकट के नाम पर धन उगाही बताया जाता है।अनेक लोग इस घटना का जिम्मेदार संगठन के जिलाध्यक्ष पर डाल रहे हैं।फिलहाल इस मुद्दे पर संगठन में जम कर खींचतान चल रही है।
वैष्णव हाल में क्या हुआ
जिला मुख्यालय पर वैष्णव वैंकेट हाल में गत 26 नवम्बर को आयजित बैठक में जम कर हंगामा हुआ। कई कोआर्डीनेटरों की मौजूदगी में हुई। बैठक के शुरू होते ही संगठन के जिलाध्यक्ष राजकुमार आर्य के खिलाफ नारे बाजी शुरू हो गई। कार्यकर्ताओं का आरोप था कि नगर निकाय के चुनावों में टिकट देने के नाम पर जिलाध्यक्ष संभावित प्रत्याशियों से लम्बी रकम मांग रहे हैं। पुराने वर्करों द्धारा इसका विरोध करने पर उन्हें पार्टी से निकालने की धमकियां दी जा रही हैं।
क्या है हंगामें की वजह?
इस हंगामे की जड़ क्या है? इस बारे में बसपा कार्यकर्ताओं का कहना था कि पिछले दिनों उसका बाजार नगर पंचायत में बसपा ने रवीन्द्र अग्रहरि के निकाय चुनाव कार्यालय का उद्घाटन किया जाना था।जिसमें में जिलाध्यक्ष राज कुमार आर्य ने आवश्यक कार्य की बात कह कर अन्य नेताओं को रवाना कर दिया और खुद नहीं गये। बाद में उस कार्यक्रम में शामिल होने वालों में से दो प्रमुख नेता मंडल इंचार्ज पीआर आजाद और एक पूर्व एमएलसी लालचंद निषाद को उनके पदों से हटा दिया गया, जबकि संभावित प्रत्याशी रवीन्द्र को पार्टी से ही बर्खास्त कर दिया गया। कार्यकर्ता बताते हैं कि इसे पीछे पार्टी के जिलाध्यक्ष है जो भावी उम्मीदवारों से पैसे मांगते हैं और न देने पर पार्टी से निकलवा देने की धमकी देते हैं। इस मामले में यही रणनति अपनाई गई।
बसपा नेता क्या बोले
इस बारे में बसपा के मंडल इंचार्ज पद से पीआर आजाद कहते हैं कि उन्हें पद से हटाया गया है इस बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है। जब कि एक अन्य वरिष्ठ नेता चन्द्रिका गौतम कहते है कि उस्का बाजार के कार्यक्रम में जिलाध्यक्ष के कहने से सब लोग गये थे।उसमें बसपा जिला उपाध्यक्ष् भी शामिल थे। मगर कार्रवाई कवल दो पर ही की गई, जो अन्याय है। कार्यालय उद्घाटन में स्वयं जिलाध्यक्ष की सहमति थी।
बसपा जिलाध्यक्ष ने क्या कहा
इस बारे में बसपा जिलाध्यक्ष ने कहा कि उन पर पैसे मांगने के आरोप सरासर गलत हैं। उस्का बाजार कार्यक्रम के बारे में बसपा सुप्रीमों बहन कुमारी मायावती जी ने जांच कराया और सच के आधार पर कार्रवाई की है। इसी क्रम में दोनों नेताओं को उनके पदों से हटाया गया है। बाकी पार्टी के किसी भी विवादास्पद मामले में मेरी कोई भूमिका नहीं है। पार्टी में कोई बिखराव नहीं है।