हाथी की गंभीर चालः भाजपा और सपा के बागियों से बसपा बना रही जीत के समीकरण
बसपा को आम के आम गुठलियों के दाम जैसा फायदा, पार्टी को स्थानीय स्तर पर बड़े नेता मिलेंगे ही बसपा को चंदा भी प्राप्त होगा
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। शहरी निकाय चुनाव में बहुजन समाज पार्टी के पत्ते अभी तक न खुलने के कारण अभी तक जिले में चुनावी हलचल लोर नहीं पकड़ पा रही है। वैसे बसपा की इस रणनीति पर तरह तरह की कयासबाजियों जारी है। इनमें सबसे प्रमुख कयासबाजी के अनुसार बसपा एक सोची समझी रणनीति के अनुसार अपनी सूची जारी करने को लेकर बहत ठंडा रुख अपना रही है। हालांकि अभी भाजपा, बसपा व कांग्रेस जैसे प्रमुख दलों के प्रत्याशियों की सूची न जारी होने से चुनावी समीकरण की स्थिति साफ नहीं हो रहा है। इन पार्टियों से टिकट की चाह रखने वाले नेता अपनी उम्मीदवारी पक्की करने के लिए अंतिम समय में हर दांव-पेच अपना रहे हैं। वहीं टिकट न मिलने पर सपा से टिकट की चाह रखने वाले अन्य नेताओं का अगला सियासी कदम क्या होगा, इस पर भी सबकी निगाहें टिकी हुई हैं।
वर्तमान में जिले की 11 नगर निकायों में केवल डुमरियागंज से अतीकुर्रहमान, शोहरतगढ़ से नवाब खान तथा भारतभारी से अजीजुल्लाह ने अपनी दावेदारी सार्वजनिक कर रखी है। अन्य स्थानों पर बसपा से कोई दावेदार उभर कर नहीं आ रहा है। इसका कारण यह बताया जा रहा है कि बसपा की नजर सपा व भाजपा के टिकट से वंचित लोगों पर है।जिनकी बगावत की मुद्रा का पता चलते ही बसपा उन्हें अपने दल से टिकट देगी। ऐसे लोग बसपा को पार्टी फंड के लिए चंदा भी दे सकते हैं। इससे पार्टी को स्थानीय स्तर पर नेता और पार्टी के लिए फंड दोनों का लाभ होगा।
खबर है कि बहुजन समाज पार्टी मुख्यालय पर भाजपा से टिकट के एक दावेदार रहे एक मजबूत नेता से वार्ता कर रही है। इटवा में वह एक सपाई दावेदार के सम्पर्क में है। बांसी में भी वह कम से कम दो लोगों से वार्ता कर रही है। यही हालत उस्का बाजार में भी देखा जा रहा है। नगर पंचायत बढ़नी में वह एक पूर्व चेयरमैन पर डोरे डाल रही है तो बिस्कोहर में उसने एक सपा नेता से सम्पर्क साध रखा है। ऐसी हालत में यहां २३ अप्रैल की सुबह तक एक विशेष प्रकार की राजनतिक हलचल देखने कोमिल सकती है।जिसके आधार पर बन रहे सारे समीकरण उलट पुलट सकते हैं।
सर्वाधिक घोषित प्रत्याशी सपा के
जिले में दो नगर पलिका और नौ नगर पंचायतों के लिए दूसरे चरण में 11 मई को मतदान होना है। जिसको लेकर 17 अप्रैल से नामांकन की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। बावजूद इसके सभी प्रमुख दलों को अपने प्रत्याशियों के नामों की घोषणा करने में काफी जद्दोजहद करनी पड़ रही है। हालांकि शुरूआती दौर से ही टिकटों के लिए सबसे ज्यादा मारामारी सत्ताधारी भाजपा और प्रमुख विपक्षी दल सपा में देखने को मिली। सपा ने सारे अटकलों पर विराम लगाते हुए 18 अप्रैल को दो नगर पालिका और सात नगर पंचायत अध्यक्ष पदों के लिए अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी। जबकि नवसृजित नगर पंचायत इटवा और बिस्कोहर में मजबूत दावेदारों को लेकर सपा उलझी हुई है और अभी कोई निर्णय नहीं ले पाई है।