इटवा सम्मेलन में बहुजन समाज पार्टी ने ताकत दिखा कर विपक्ष को चौंकाया
सम्मेलन में इटवा से हरिशंकर सिंह, शोहरतगढ से राधारमण त्रिपाठी व डुमरियागंज से अशोक तिवारी की उम्मीदवारी की घोषणा
भारतीय जनता पार्टी को अपने विश्वासघात का फल चखना ही पड़ेगा, वह इस बार जनपद की सभी पांच सीट हारेगी- हरिशंकर सिंह
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। गुरुवार को इटवा में आयोजित बहुजन समाज पार्टी के विशाल सम्मेलन का सफल आयोजन देख कर इटवा क्षेत्र में समस्त विपक्षी दल भौचक हैं। कई करणों से तमाम दिग्गज नेताओं के पार्टी छोड़ जाने पर जो लोग जिले में बसपा की ताकत खत्म मान रहे थे, वे भी हैरत में हैं। इस आयोजन का श्रेय भाजा छोड़ कर हाल में बसपा में शामिल हुए वरिष्ठ नेता हरिशंकर सिंह को निश्चित रूप से जाता है। इसी सम्मेलन में बसपा ने जिले की पांच विधानसभा सीटों में से तीन पर अपने उम्मीदवारों का एलान भी कर दिया है। इसके बाद से तीनों प्रत्याशियों को अधिकृत उम्मीदवार के रूप में जनता के बीच खड़े होने का मौका भी मिल गया है।
इटवा के एक मैरिज हाउस में आयोजित इस सम्मेलन में कल विशाल भड़ जुटी। आयोजक हरिशंकर सिंह की मेहनत रंग लाई। इस भीड़ से सम्मेलन में आये अति वरिष्ठ बसपा नेता गदगद दिखे। चारों तरफ लोगों की भीड़ और मायावती जिंदाबाद हरिशंकर सिंह जिंदाबाद के नारे गूंज रहे थे। मुख्य अतिथि और चार मंडलों के सेक्टर प्रभारी घनश्याम खरवार, गोरखपुर बस्ती मंडल के सेक्टर संयोजक लालचंद निषाद आदि के चेहरे की खुशी देख कर लगता था कि उनकी पार्टी जिले में जीतने वाली लड़ाई लड़ने जा रही है।
बस्ती मंडल के मुख्य सेक्टर प्रभारी भगवान दास की अध्यक्षता में प्रारम्भ हुए सम्मेलन में मुख्यअतिथि घनश्याम खरवार ने इटवा विधानसभा सीट से हरिशंकर सिंह, उुमरियागंज से आशोक तिवारी तथा शोहरतगढ़ से राधारमण त्रिपाठी के विधानसभा उम्मीदवार होने की घोषणा की। उनकी इस घोषणा से सम्मेलन स्थल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। सम्मेलन में खरवार समेत अन्य अतिथि नेताओं ने बसपा को कमजोरों मजलूमों की हिमायती बताते हुए चुनाव में अपनी जीत का दावा किया और कहा कि हिन जी के शासनकाल को देखने वाले जानते हैं कि उनके समय में आज की तरह गंडों का नहीं बल्कि कानून का राज था।
इस सम्मेलन में इटवा समेत डूरियागंज से तो खास कार्यकर्ता ही आये थे, मगर इटवा क्षेत्र के आम अवाम की भागीदारी जबरदस्त थी। मजे की बात यह है कि इसमें सवार्ण और पिछड़े भी बराबर की तादाद में शामिल थे। यही नहीं तकरीबन तीन दशक से भाजपा की राजनीति करने के बावजूद उनके पारंपरिक मुस्लिम समर्थक भी जम कर जुटे थे। जाहिर है कि इटवा में हरिशंकर सिंह की लोकप्रियता सभी वर्ग में है। इसके अलावा डुमरियागंज से भाजपा के पूर्व विधायक जिप्पी तिवारी के भाई अशोक तिवारी और शोहरतगढ़ के पूर्व भाजपा नेता राधारमण त्रिपाठी के चेहरे का आत्मविश्वास बता रहा था कि वह आगामी चुनावी महासमर के लिए किस तरह कमर कस कर तैयार हैं।
हरिशंकर सिंह ने कहा कि भाजपा ने तीनों के साथ विश्वासघात किया। उन्होंने कहा कि जब भाजपा का संकट काल व संघर्ष का समय था तो वह थे और आज धन बल टिकट का आधार बन गया है। भाजपा की यही नीति उसके ताबूत की आखिरी कील साबित होगी। उन्होंने कहा कि जब भाजपा का कोई नाम लेवा न था तब उन् लोगों ने पार्टी रूपी वृक्ष को पाला पोसा और जब फल खाने का वक्त आया तो नये लोग आ गये। उन्होंने कहा कि इस बार भाजपा जिले की सभी पांचों सीट हारेगी।
बहरहाल सम्मेलन की सफलता से जिले में बसपा एक बार फिर सुर्खियों में आ गई है। आगामी चुनाव में जिले की कम से कम उक्त तीन सीटों पर वह मजबूत मुकाबले की स्थिति में है। यदि यह तीनों प्रत्याशी रणनीति बना कर लड़े तो वह अच्छे खासे वोट बटोरेंगे और भाजपा निश्चित रूप से प्रभावित होगी। कुल मिला कर कल के सम्मेलन ने बसपा को नया तेवर ही नहीं बल्कि भाजपा को कठिन हालात के लिए तैयार रहने की चेतावनी भी दे दी है।