समाजवाद के “भूषण” की पुण्य तिथि पर चंद लमहे न निकाल सके? वाह रे सपाइयो!
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। सोशलिस्ट चिंतक और समाजवाद के “भूषण” कहे जाने वाले सामाजिक न्याय के पुरोधा बृजभूषण तिवारी को चौथी पुण्य तिथि आते आते सब भूल गये। उनके पु़त्र और राज्ययभ्सस सदस्य आलोक तिवारी के साथ कुछ पुराने कार्यकर्ताओं ने सपा आफिस पर बैठ कर उन्हें श्रद्धांजलि जरूर दिया, मगर बड़े नेता और संगठन के पदाधिकारी नदारद रहे।
समाजवादी पार्टी कार्यालय पर आज आज हुई एक बैठक में पहुंचे सांसद आलोक तिवारी और उनके साथियों ने अपने प्रिय नेता को पुष्पांजलि अर्पित कर भावभीनी श्रद्धांजलि दी। बैठक में उनके व्यक्तित्व और कृतित्व पर लंबी चर्चा हुई। सभी ने उन्हें लोहिया के बाद की पीढ़ी का सबसे सबसे योग्य समाजवादी पुरोधा बताया।
बैठक में श्री तिवारी के अलावा उनके पुराने प्रशंसक अफसर रिजवी, आम प्रकाश श्रीवास्तव, हारिराम यादव, मुरलीधर मिश्र, शांति पासी, निसार बागी, खलकुल्लाह, मानस यादव आदि शामिल रहे।
एक अन्य समाचार के मुताबिक डुमरियागंज में विधायक मलिक कमाल यूसुफ के नेतृत्व में एक बैठक के माध्यम से स्व. बुजभूषण तिवारी को याद किया और उन्हें श्रद्धांजलि दी।
कहां है तिवारी जी को “हम सबका नेता” बताने वाले
पुण्य तिथि के मौके पर जिले के बड़े नेताओं की गैरहाजिरी आज सबको अखर गई। यह उन बृजभूषण तिवारी की पुण्य तिथि थी, जिन्हें हर सपाई अपने भाषणों में हम सबका नेता बताते नहीं थकते थे। लेकिन आज जब वह नहीं हैं, तो किसी को उनकी याद नहीं है।
संगठन भी रहा नदारद
जिले के जिला पंचायत अध्यक्ष से लेकर कई विधायक, पूर्व विधायक, ब्लाक प्रमुख अादि उनकी श्रद्धांजलि सभा से गायब रहे, तो संगठन को भी अपने प्रिय नेता को याद करने में कोई दिलचस्पी नहीं रही। जिला संगठन समेत छात्रसभा, लोहिया वाहिनी, यूथ ब्रिगेड के कार्यकर्ता भी इस आयोजन से तकरीबन गायब रहे।
इस मामले पर सपा के वरिष्ठ नेता और खांटी समाजवादी हरिराम यादव का कहना है कि राजनीति सुविधाभोगी होती जा रही है। उनके न रहने पर सुविधाभोगियों को क्या गम है। उन्होंने अब तक नया मसीहा चुन लिया होगा अपनी सुविधा के लिए।