नेपालः संसद और विधानसभाओं के लिए वोटिंग आज, इंटरनेशनल सीमा सील, मतगणना शुक्रवार को
सगीर ए खाकसार
सिद्धार्थनगर। पड़ोसी मित्र राष्ट्र नेपाल में लोकसभा और विधानसभा के दूसरे और अंतिम चरण के चुनाव की तैयारी पूरी हो गयी है। नेपाल के तराई और पहाड़ी इलाकों के 45 जिलों में लोकसभा की 128 और विधान सभाओं की 156 सीटों के लिए आज गुरुवार को सुबह से वोटिंग शुरू हो गई है। भारत नेपाल सीमा को सुरक्षा के मद्दे नज़र सील करदिया गया है।
प्रशासन मुस्तैद
स्वतन्त्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण मतदान के लिए नेपाली प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद है।सुरक्षा के कड़े इंतेज़ाम किये गए हैं। 45 जिलों में 15 हज़ार 344 मतदान केंद्रों की स्थापना की गई है। संवेदनशील समझे जाने वाले मतदान केंद्रों पर अतिरिक्त सतर्कता बरती जा रही।चुनाव में अस्थायी पुलिस, नेपाल प्रहरी, नेपाल सशत्र प्रहरी के अलावा सेना के जवानों को भी लगाया गया है। इसके अलावा नेपाल की खुफिया एजेंसियां भी चुनाव पर पैनी नज़र रख रही हैं। नेपाल के इस ऐतिहासिक और बेहद महत्वपूर्ण समझे जाने वाले चुनाव पर यूरोपीय यूनियन इलक्शन ऑब्जरवेशन मिशन के अलावा कई अन्य देशों के आब्जर्वर भी नज़र रख रहे हैं।
पहले केवल संसद के होते थे चुनाव
नेपाल के लिए यह चुनाव बेहद महत्वपूर्ण है। इस चुनाव के बाद नेपाल एक संघीय लोकतांत्रिक गणराज्य में रूपांतरित हो जाएगा। नेपाल में पहली बार लोकसभा के अलावा विधान सभा के चुनाव हो रहे हैं। इससे पूर्व नेपाल में सिर्फ लोकसभा के चुनाव होते थे। नेपाल में नया संविधान बनने के बाद चुनाव की प्रक्रिया शुरू हुई है। दिलचस्प बात यह है कि पिछले महज़ आठ माह के भीतर नेपाल में होने जारहा यह तीसरा चुनाव है।देखा जाए तो नेपाल के लिए 2017 का यह साल ऐतिहासिक रूप से बहुत ही महत्वपूर्ण साबित होने वाला है। नेपाल में शायद ऐसा पहली बार होने जारहा है कि एक वर्ष के भीतर इतने ज़्यादा चुनाव हुए हों।
औपचारिक रुप से खत्म हो जाएगी राजशाही
आपको बता दें अभी इसी वर्ष जून में स्थानीय निकाय के चुनाव तीन चरणों मे सम्पन्न हुए थे। जिसमें गांव पालिका,नगर पालिका और महानगर पालिका के चुनाव शामिल थे। नेपाल में स्थानीय निकाय के यह चुनाव बीस वर्षों बाद हुए थे। नेपाल में नब्बे के दशक में आयी राजनैतिक अस्थिरता और बाद में माओवादियों के हिंसात्मक जनयुद्ध से उत्पन्न द्वंद के बाद राजनीति पूरी तरह से पटरी से उतर गयी थी। ज़बरदस्त राजनैतिक उथल पुथल का माहौल पैदा हो गया था। नेपाल करीब दो दशक तक संक्रमण काल से गुजरा। हालांकि नेपाल में माओवादी क्रांति को ही 234 साल पुरानी राजशाही को खत्म करने और नेपाल को धर्म निरपेक्ष देश में रूपांतरित करने का श्रेय भी जाता है।।गत 27 नवंबर को लोकसभा और विधान सभा के पहले चरण में 32 ज़िलों के लोकसभा की 37 और विधान सभा की 74 सीटों का चुनाव सम्पन्न हुआ था।
नेपाल का चुनाव आयोग शान्ति पूर्ण, निष्पक्ष और स्वतंत्र मतदान करवाने के लिए कटिबद्ध है। आयोग के उच्चपदस्थ सूत्रों के मुताबिक आठ दिनों के भीतर लोक सभा/विधान सभा और समानुपातिक चुनाव के सभी परिणाम घोषित कर दिए जाएंगे। कम जनसंख्या वाले जिलों का परिणाम चौबीस घंटे के भीतर आने की संभावना जताई जा रही है। सूत्रों के मुताबिक दूसरे चरण की मतगणना मतदान के बाद रात्रि से ही शुरू हो जाएगी। जबकि पहले चरण में सम्पन्न हुए चुनाव की मतगणना दूसरे दिन यानी शुक्रवार से शुरू होगी।