भाष्कर पांडेय की पुलिस हिरासत में मौत ने तूल पकडा, बाप का एलान! अंतिम दम तक लड़ेंगे
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। सदर तहसील के ग्राम महुलानी एलएलबी के छात्र भाष्कर पांडेय की उत्तराखंड पुलिस की हिरासत में मौत का मामला अब गरमाता जा रहा है। डाक्टरी रिपोर्ट के आधार पर पुलिस उसकी मौत का कारण हार्टअटैक बता रही है मगर परिस्थितजन्य साक्ष्यों आधार पर मृतक का परिवार उसे हत्या की संज्ञा दे रहा है। मुख्यधारा की मीडिया भी उसे एक रहस्यमय मामला मान कर मृतक के पिता के आरोपों से सीधे इनकार नहीं कर पा रही है। भाष्कर के पिता रामेश्वर पांडेय ने एलान किया है कि वह न्याय के लिए अंतिम सांस तक लड़ेंगे।
क्या हुआ भाष्कर पांडेय के साथ
28 वर्षीय युवक भास्कर पांडे नाम का एक युवक एलएलबी की परीक्षा देने अयोध्या गया था। जहां बीते शुक्रवार को रात लगभग 8 बजे कुछ लोग उसे एक गाड़ी में लेकर कहीं चले जाते हैं। बाद में पता चलता है कि वे ऊधपुर जिले के रूद्रपुर थाने की पुलिस है, जो उसे गिरफ्तार करने वहां से आई हुई है। अचानक भाष्कर को वही पुलिस वाले करीब एक घंटे बाद 9 बजकर 10 मिनट पर अयोध्या जिला अस्पताल लेकर आते हैं तब तक उसकी मौत हो चुकी होती है। शनिवार को मिली पोस्ट मार्टम रिपोर्ट के आधार पर पुलिस दावा करती है कि भाष्कर की मौत अचानक हार्ट अटैक से हुई है। पुलिस के अनुसार अयोध्या से लगभग 20 किमी दूर रौनाही के पास उसकी तथाकथित मौत हो जाती है।
अयोघ्या पुलिस ने पल्ला झाडा?
इस प्रकरण में मृतक के पिता रामेश्वर पांडेय का आरोप है कि उनके बेटे की हत्या की गई है। उनका कहना है कि उनके जवान बेटे का ब्ल्ड प्रेशर सामान्य रहता था। ऐसे में हार्ट अटैक का सवाल ही नहीं पैदा होता है। यही नहीं उत्तराखंड पुलिस ने मेरे बेटे को कानूनन हिरासत में भी नहीं लिया। क्योंकि उसने इसकी सूचना अयोध्या पुलिस को नहीं दी। इस मामले के तूल पकड़ने के बाद अयोध्या पुलिस ने अपना पल्ला झाड़ लिया है। अयोध्या के एसएसपी राजेरण नैयर की माने तो उत्तराखंड पुलिस अपने एक वांछित अभियुक्त की तलाश में आई थी और जैसे ही वह मिला उसे लेकर वह उत्तराखंड के लिए रवाना हो गई। रास्ते में उसकी तबीयत बिगड़ी तो उसे जिला अस्पताल लाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।.
क्या था आरोप
दरअसल, रुद्रपुर कोतवाली पुलिस को आर एस लॉजिस्टिक के ओनर हरीश मुंजाल ने एक तहरीर दी थी. जिसके अनुसार भाष्कर ने अपने साथियों के साथ मिल कर उनकी कम्पनी से लगभग 52 लाख रुपये की धोखाधड़ी की थी। इसी के आधार पर नुलिस ने भाष्कर को पकड़ा था।
सूत्रों की माने तो गिरफ्तारी के बाद उत्तराखंड पुलिस उसे रुद्रपुर ले जा रही थी। लेकिन स्थिति ऐसी बनी की कुछ देर बाद जब उसे जिला अस्पताल लाया गया तो भास्कर की मौत हो चुकी थी।पुलिस कस्टडी में हुई इस मौत के बाद उत्तराखंड पुलिस सवालों के घेरे में है तो कई ऐसे सवाल भी है जिनके जवाब देना उसके लिए आसान नहीं है।
पिता का एलान
इस बारे में मृतक के पिता रामेश्वर पांडे का कहना है कि उनके नौजवान बेटे की मौत नहीं साफ साफ हत्या है। पुलिस ने बेटे को बदमाशों की तरह उठाया और लोकल पुलिस ने उनकी अवैध गतिविधि में मदद की। मुझे न्याय चाहिए और न्याय लेकर रहूंगा। इसके लिए कोर्ट का हर दरवाजा खट खटाऊंगा और न्याय के लिये अंतिम दम तक लडूंगा।