big news-यूपी को जल्द मिलेगा नया स्पीकर, माता प्रसाद पांडेय को राज्यसभा भेजने की तैयारी
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। यूपी विधानसभा के अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय को राज्यसभा में भेजने की कवायद चल रही है। सपा की रणनीति में अंतिम क्षणों में कोई बदलाव न हुआ तो जुलाई में यूपी असेम्बली का नया स्पीकर चुन लिया जायेगा।
बताते चलें कि जुलाई माह में राज्यसभा की 11 सीटें खाली हो रही है। इनमें से 6 सीटों पर समाजवादी पार्टी के जीतने का आंकड़ा है। पार्टी ने ब्राहमण चेहरे के रूप में माता प्रसाद पांडेय के नाम पर सहमति बनाई है। इसके अलावा कांग्रेस नेता बेनी प्रसाद वर्मा को भी सपा में शामिल करा कर राज्यसभा में भेजने की रणनीति बना ली गई है।
खबर है कि जुलाई के मध्य में श्री पांडेय के राज्यसभा में जाने के बाद स्पीकर पद खाली हो जायेगा। ऐसे में नये स्पीकर का चुनाव माह के आखिर तक हर हाल में हो जायेगा। समाजवादी पार्टी इस पद पर किसी अल्पसंख्यक को बिठाने पर विचार कर रही है।
क्या है सपा की रणनीति?
माता प्रसाद पांडेय को राज्य सभा में भेज कर समाजवादी पार्टी एक तीर से दो शिकार करना चाहती है। उसकी रणनीति के मुताबिक राज्यसभा में किसी बड़े ब्राहमण चेहरे को भेज कर अखिल भारतीय स्तर पर सवर्ण वर्ग में अपनी राजनीतिक स्वीकार्यता बनाये रखना है। अतीत में सपा ने जनेश्वर मिश्र और बृजभूषण तिवारी को वहां भेज कर यह संतुलन बनाया था।
इसके अलावा सूत्र बताते हैं कि समाजवादी पार्टी का एक गुट प्रदेश की राजनीति से श्री पांडेय के दबदबे का खात्मा चाहता है। इस गुट ने सीएम अखिलेश यादव को प्रभाव में ले रखा है। हालांकि पार्टी के बड़े नेता दूसरी लाइन को खारिज कर रहे हैं।
जहां तक बेनी वर्मा का सवाल है यूपी में नीतिश कुमार के प्रभाव को रोकने के लिए सपा को किसी जनाधार वाले कुर्मी नेता की तलाश है। इसके तहत मुलायम सिंह यादव ने अपने पुराने साथी बेनी प्रसाद वर्मा को मनाया है। यह मानमनौवल उन्हें राज्यसभा में भेजने की शर्त पर हुई है।
इटवा में शुरू होगी नई राजनीति
अगर समाजवादी पार्टी अपने फैसले को अमल में लाई तो इटवा में नई सियासी हलचल शुरू हो जायेगी। इस क्षेत्र से बेचई यादव, जिप्पी तिवारी, सपा जिलाध्यक्ष झिनकू चौधरी टिकट के नये दावेदार के रूप में उभर कर सामने आयेंगे।
एक संभावना यह भी है कि 37 फीसदी मुसिलम मतदाता वाले इस क्षेत्र में समाजवादी पार्टी किसी अल्पसंख्य को आगे बढ़ाये। ऐसे में समाजवादी पार्टी पूर्व सांसद मुहम्मद मुकीम को भी साथ ले सकते हैं। हालांकि सपा के सियासी गलियारे में अभी इस पर कोई चर्चा नहीं है।
10:47 PM
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