पुलिस भर्ती परीक्षा: ऊपर तक जुड़े नकल मफिया के तार, पटना, गोरखपुर से संचालन की आशंका
नजीर मलिक
पुलिस भर्ती परीक्षा में सेंधमारी करने वाले पांच सॉल्वर एक सहयोगी सहित सभी 10 लोग जेल भेजे जा चुके हैं। पकड़े गये इन साल्वरों से मिले इनपुट के जरिए पुलिस गैंग के नेटवर्क तक पहुंचने में जुटी है। साल्वरों के तार गोरखपुर और बिहार के पश्चिमी चंपारण और पटना में बैठे लोगों से जुड़ रहे हैं। ऐसी जानकारी मिल रही है। इससे पता चलता है कि प्रतियोगी परीक्षा को फर्जीवाड़ा के जरिये पास कराने की ठेकेदारी बहुत ऊंचे पैमाने पर चल रही है तथा इनमें कतिपय प्रभावशाली लोगों के जुड़े होने की आशंका है।
जानकारी के हिसाब से पुलिस की कई टीमें अपने सूत्रों के संपर्क में हैं। सूत्रों की मुताबिक पुलिस की पूछताछ में आरोपियों से गोरखपुर और बिहार के पश्चिमी चंपारण और पटना के कुछ लोगों के नाम सामने आए हैं। यह कहां तक सही है पुलिस की जांच में सामने आएगा। गैंग तक पहुंचने के लिए पुलिस टेक्निकल सहयोग ले रही है। अगर सब कुछ सही रहा तो बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश हो सकता है।
दो लाख में हुआ था पास कराने का सौदा
सूत्रों के अनुसार पुलिस भर्ती परीक्षा पास करने के लिये युवकों ने साल्वरों से ढाई लाख रुपये में सौदा कर रखा था। साल्वरों ने परीक्षा से पहले किसी से 20 तो किसी ने 45 हजार रुपये एडवांस के रूप में ले रखा था। परीक्षा उत्तीर्ण होने के बाद पूरी धनराशि देने की बात पर सौदा हुआ था। सभी एक-दूसरे के संपर्क में थे, यह बात भी सामने आई थी।
कैसे घुसे परीक्षा केंद्र में
पकड़े गए आरोपियों और मुख्य अभ्यर्थी के आधार कार्ड में गड़बड़ी की गई थी। आधार कार्ड में नाम व पता तो सही रखा गया, मगर फोटों को बड़ी चालाकी से बदल दिया गया और उसके ताजा प्रिंट निकाल लिये गये। इससे यह हुआ कि परीक्षा के दिन परीक्षा केन्द्र के गेट पर जल्दबाजी में हुई चेकिंग में लोग पकड़ में नहीं आए। लेकिन जब बायोमेट्रिक प्रक्रिया में अंगूठा लगाया तो वह मैच नहीं कर सका। इस पर संदेह हुआ और दो दबोच लिए गए। फिर तो सभी फंसते चले गये।
कोई साल्वर का चेहरा तक नहीं जानता
पकड़े गए हर साल्वर का गैंग के किसी मुखिया से ना तो बात होती है और न ही उसका चेहरा देखते हैं। एक बिचौलिया कड़ी से कड़ी को जोड़ता है। कहां और कब परीक्षा देनी है दूरी के हिसाब से दो से तीन दिन पहले जानकारी दी जाती है। परीक्षा को लेकर सौदेबाजी नहीं होती है। जैसी परीक्षा उस हिसाब से रेट तय होता है। बिचौलिया साथ में जाता है। एडवांस वही देता है। इसके बाद कोई किसी को पहचानता नहीं है। ऐसी डिलिंग होती है। इसी वजह से गैंग के सरगना तक पुलिस नहीं पहुंच पाती है।
अब तक यह लोग गए जेल
इटवा पुलिस ने माता प्रसाद जायसवाल इंटर काॅलेज इटवा से उदय प्रताप यादव पुत्र मुन्नी लाल यादव निवासी धनौती राय थाना सलेमपुर जनपद देवरिया अभ्यर्थी, अर्जुन कुमार यादव पुत्र जगबंधु यादव निवासी बटेरमारी थाना लौकहा जनपद मधुबनी राज्य बिहार साल्वर, अनवारूल पुत्र नुरुल हुदा निवासी बटेर मारी थाना लौकहा जनपद मधुबनी बिहार मीडिएटर। इसी प्रकार अल फारुख इंटर कॉलेज अमौना इटवा से राहुल दूबे पुत्र मनोज धर दुबे निवासी जम्हिरिया थाना शोहरतगढ़ अभ्यर्थी, और सिंटू पुत्र अनिल प्रसाद यादव निवासी मटियो शाहपुर थाना अत्रि जनपद गया राज्य बिहार साॅल्वर को गिरफ्तार किया। बांसी पुलिस ने सरदार पटेल राष्ट्रीय इंटर कॉलेज प्रतापनगर बांसी से विकास कुमार पुत्र विजय प्रसाद निवासी पाई बिगहा थाना बेलागंज जिला गया बिहार साॅल्वर और रतनसेन इंटर कॉलेज बांसी से विक्की आनंद पुत्र राजेन्द्र कुमार निवासी गनेली पोस्ट गांधीडीह थाना हरपुर जिला मुंगेर बिहार साॅल्वर को गिरफ्तार किया।
सदर पुलिस ने बुद्ध विद्यापीठ डिग्री कॉलेज तेतरी बाजार अभिषेक रंजन पुत्र मनोज कुमार निवासी बिहटा चौक थाना बिहटा जनपद पटना बिहार साॅल्वर और अमरेश कुमार पुत्र ओमप्रकाश प्रसाद निवासी सजवार थाना खुखुंदू जनपद देवरिया मीडिएटर को गिरफ्तार किया। सभी के खिलाफ धोखाधड़ी, साजिश रचने और परीक्षा अधिनियम के तहत केस दर्ज किया। पूछताछ करने के बाद सभी को न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया।
पुलिस अधीक्षक ने कहा
इस बारे में पुलिस अधीक्षक प्राची सिंह का कहना है कि पुलिस भर्ती परीक्षा में पकड़े गए सभी साॅल्वर, अभ्यर्थी व सहयोगियों के खिलाफ सुसंगत धारा में केस दर्ज किया गया था। उन्हें जेल भेज दिया गया है। मामले की जांच की जा रही है। अभी तमाम तथ्य सामने आने बाकी है।
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