पुलिस भर्ती परीक्षा में बिहार साल्वर गैंग के 6 युवक गिरफ्तार, आखिर असली गुनाहगार कौन?
पकड़े गये मुन्ना भाई गया, मधुबनी, पटना, अत्रि मुंगेर जनपद के हैं
निवासी, परीक्षा में सफलता की गारंटी के साथ खुद देते थे परीक्षा
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। जिले में पुलिस भर्ती प्रतियोगी परीक्षा में पेपर साल्वर गैग के 6 सदस्यों के पकड़े जाने का मामला प्रकाश में आया है। वह दूसरे छात्र के सान पर खुद बैठ कर परीक्षा दे हे थे। पकड़े गये सभी आरोपी बिहार के निवासी बताये जाते हैं। यहां के लोग अब तक साल्वरों की सेंधमारी की चर्चा ही सुन रहे थे। इस घटना से साबित हो गया कि बिहार का साल्वर गैंग कहीं भी घुसपैठ करने में सक्षम है। फिलहाल पुलिस उनसे गंभीरता से पूछताछ कर रही है। आशंका है कि आगे और भी अधिक खुलासा हो सकता है।
किस किस केन्द्र पर पकड़े गये
प्रतियोगी परीक्षा में लाखों रुपये लेकर दूसरे के स्थान पर परीक्षा देने का ठेका सामने आ रहा था। बिहार के लोग ठेका लेकर परीक्षा में साल्वर का काम करते थे। शनिवार को जिले में पुलिस भर्ती की परीक्षा शुरू हुई। परीक्षा सकुशल और नकल विहीन संपन्न कराने के लिए बायोमेट्रिक हाजिरी के साथ ही कई स्तर पर चेकिंग की गई। इसके बाद परीक्षार्थियों को परीक्षा केंद्र मेें प्रवेश दिया गया। प्रशासन के निष्पक्षता के सभी दावे की हवा निकालते हुए बिहार के विभिन्न जनपदों से आए अनेक साल्वर परीक्षा में बैठ गए। लेकिन जांच के दौरान माता प्रसाद इंटर काले व अल फारूक इंटर कालेज इटवा पटेल इंटर कालेज व रतनसेन इंटर कालेज बांसी व बुद्धविछ्या पीठ डिग्री कालेज के परीक्षा केन्द्रों पर परीक्षा दे पांच फर्जी मुन्ना भाईयों को गिरफ्तार करलिया गया। बाहर इस गैंग के एक सहयोगी को भी दबोचा गया।
पकड़े गये लोग यहां के हैं
पकड़े गये सभी आरोपियों में अर्जुन यादव ग्राम बटेरमारी थाना लौकहा, जिला मधुबनी, मिंटू पुत्र अनिल यादव ग्राम मटियों शाहपुर, थाना अत्रि जनपद गया,विकास कुमार पुत्र विजय प्रसाद ग्राम बिगहा थाना बेलागंज,जिला गया, विक्की आंनंद पुत्र रोजेन्द्र कुमार निवासी ग्राम गनेली पोस्ट, थाना हरपुर जिला मुगेर व अभिषेक रंजन पुत्र मनीष कुमार निवासी बिहटा चौकजिला पटना, बिहार के रहने वाले हैं। उनका एक सहयोगी अनवारुल नूरुल भी मधुबनी, बिहार का रहने वाला बताया गया है। पकड़े गये सभी अभियुक्तों को केन्द्र व्यवस्थापकों की तहरीर पर गिरफ्तार कर पुलिस गहन पूछताछ में लगी है।
सबसे बड़ा सवाल यह है कि—
इतनी बड़ी परीक्षा, जिसमें फर्जीवाड़ा रोकने के लिए चेकिंग के खास इंतजाम हैं। यहां तक कि छात्रों को परीक्षा में बैठने केलिए बयोमेट्रिक टेस्ट भी होता है।जिसमें अंगूठे का निशान चेक होता है। इसके बावजूद इसके कड़ी चेकिंग को धोखा देकर अंदर पहुंचना बेहद कठिन है। इसके बावजूद भी फर्जी छात्र परीक्षा में शामिल हुए। इसका सीघा अर्थ है कि यह धांधली उच्च स्तर पर करायी गयी है। प्रथम दृष्टया इसके बिना धोखा देकर परीक्षा में शामिल हो पाना असंभव नहीं तो बेहद कठिन जरूर है। इसलिए प्रकरण की जांच बेहद जरूरी है, ताकि गुनाहगार का चेहरा बेनकाब हो सके।