रेकी कर वाहन चोरी करने वाले बिहार के गैंग के पांच शातिर पकड़े गए, तमंचा समेत कई वाहन बरामद
पुलिस टीम ने जोगिया क्षेत्र के धेंसानाकार के पास से की गिरफ्तारी, चोरी की दो बोलेरो समेत एक स्कार्पियो और तीन बाइक भी बरामद
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। चार पहिया वाहन चोरी करके पुलिस की नीद उड़ाने वाले गिरोह के पांच सदस्य शुक्रवार रात पुलिस के हत्थे चढ़ गए। एसओजी, सदर और जोगिया पुलिस की संयुक्त टीम ने उन्हें जोगिया कोतवाली क्षेत्र के धेंसा के पास से पकड़ लिया, उनके कब्जे से चोरी की तीन चार पहिया और तीन बाइक, एक तमंचा सहित अन्य सामान बरामद किया। पुलिस का दावा है कि बिहार से संचालित होने वाले इस गिरोह को जान अन्य प्रदेशों में फैला है। रेकी करके यह गिरोह वारदात को अंजाम देता है और वाहन का नंबर प्लेट आदि बदलकर दूसरे प्रदेश में बेच देता है। पूछताछ के बाद उन्हें न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया। शनिवार को पुलिस लांइस सभागार में एसपी डॉ.यशवीर सिंह ने प्रेस कांफ्रेंस में यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि हाल ही में मुख्यालय से दो चार पहिया वाहन की चोरी हुई। चोरी की वारदात का पर्दाफाश करने के लिए सदर के अलावा एसओजी और सर्विलांस की टीम लगी थी। वारदात की कड़ी से कड़ी जोड़ी जा रही थी। इसी बीच शुक्रवार रात मुखबिर से सूचना मिली की चार पहिया वाहन चोरी करने वाला गिरोह जिले के जोगिया कोतवाली क्षेत्र के धेंसा नानकार गांव के पास मौजूद हैं। वह वाहन को लेकर कहीं जाने की फिराक में हैं। सूचना को संज्ञान में लेते हुए सीओ सदर प्रदीप कुमार यादव की अगुवाई में एसओजी प्रभारी शेषनाथ यादव, सदर कोतवाली तहसीलदान सिंह और जोगिया कोतवाल की संयुक्त टीम गठित हुई। इसके बाद एक साथ बताए हुए स्थान पर धमक पड़े। सभी किसी का इंतजार कर रहे थे। पुलिस टीम ने घेरा तो सब सरेंडर कर दिए। मौके से चोरी की दो बोलेरो, एक स्कार्पियो, एक तमंचा, सात मोबाइल फोन आदि बरामद किया गया। पूछताछ में पता चला कि यह गिरोह बिहार से संचालित होता है। सभी को न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया, जहां उसे उन्हें जेल भेज दिया गया।
पकड़े गए वाहन चोर गिरोह के सदस्य
छोटेलाल शाह उर्फ मुन्ना गुप्ता निवासी काजीरामपुर थाना जामु बाजार जनपद सिवान, निजामुद्दीन उर्फ राजू निवासी सल्लेपुर थाना बिशंभरपुर जनपद गोपालगंज बिहार, शेरअली पुत्र सुबराती, मो. अफरोज, मो. आसिम निवासी जलालपुर बोरियों थाना कोखराज जनपद कौशंबी यूपी के रूप में हुई।
रेकी करके देते थे वारदात को अंजाम
पुलिस टीम की पूछताछ में पकड़े गए गिरोह के सदस्यों ने बताया कि कि वे काफी दिनों से वाहनों की चोरी कर अवैध कागजात तैयार कर व नंबर प्लेट बदलकर दिल्ली, बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश आदि राज्यों में बिक्री करते हैं। अभियुक्तगण ने बताया गया कि ये किसी जिले में जाकर किराये का मकान
लेकर निवास करते हैं और दिन में मोटरसाइकिल से फेरी लगाकर कपड़े बेचते हुए रेकी करते हैं। सुनसान जगहों पर खड़ी गाडिय़ों को एक विशेष प्रकार के पेचकस की सहायता से लॉक तोड़कर वाहनों को चुराकर अन्यत्र जगह छुपा देते थे व मौका मिलने पर नंबर प्लेट बदलकर व फर्जी कागज तैयार कर अन्य प्रान्तों में बेच देते थे। पूछताछ करने पर बताया कि हम लोगों द्वारा थाना सिद्धार्थनगर व जोगिया उदयपुर से बोलेरो वाहनों को चुराये थे। चोरी की स्कार्पियों से यहां आकर रेकी कर चोरी की घटना को कारित किया गया।
दिल्ली में बैठा सरगना तैयार करता था ग्राहक
पुलिस के मुताबिक यह गिरोह बहुत ही खतरनाक किस्म का है। इनका सरकारी सिस्टम में घुसपैठ है और इनका जाल भी कई राज्यों में फैला हुआ है। बिहार और झारखंड मुख्य केंद्र है। किसी भी राज्य से वाहन चोरी करने के बाद बिहार व झारखंड ले जाते हैं। वहां पर चेचिस नंबर, नंबर प्लेट यहां तक की कुछ पार्ट बदलाकर लुक ही बदल देते हैं। वाहन तैयार रहता है। इसके बाद दिल्ली में बैठकर नेटवर्क संचालित करने वाला सरगना जब ग्राहक तैयार कर लेता है तो डिलेवरी की बारी आती है। काम कि हिसाब से सभी को हिस्सा बंट जाता है।
गिरोह का हो भंडाफोड़ तो बड़ी संख्या में रिकवरी होंगी गाड़ी पुलिस सूत्रों की माने तो यह गिरोह इतना बड़ा है कि रैकेट का पर्दाफाश किया जाए तो ५०० से अधिक चोरी के वाहन पकड़ में आएंगे जो एक राज्य से दूसरे राज्य में नंबर प्लेट और चेचिस बदलकर चलाई जा रही है। साथ ही गिरोह में बड़ी संख्या में वारदात करने वाले सदस्य मिलेंगे। हालांकि, अन्य राज्यों की पुलिस जनते हुए ही इनपर हाथ डालने से बच रही है। एक तार के सहारे सिद्धार्थनगर पुलिस टीम इन तक पहुंची और दबोचने में कामयाब रही।
कोशांबी वाले केंद्र में
गिरोह में शामिल कौशांबी जिले के जो तीन शातिर हैं, वे रेकी करके फाइनल करते थे। जहां भी जाते थे साड़ी बेचने का कार्य करते थे। अगर चार पहिया वाहन परिसर में खड़ी है तो उसने बड़ी चालाकी से उड़ा देते हैं। पुलिस को उनके पास एक से विशेष किस्म का चाबी मिला है जो किसी भी चार पाहिया वाहन को खोल देता ही है। यह चाबी भी कौशांबी में ही बनवाए थे। पुलिस की पूछताछ में यह बात स्वीकार की है।
2016 में भी पकड़ा गया था रैकेट
जिले में वाहन चोरी का यह पहला मामला नहीं है जो कि झारखंड और बिहार से जुड़ रहा है। यहां वर्ष २०१६ में एक रैकेट पकड़ा गया था, जिसके कनेक्शन बिहार, बंगाल और झारखंड से जुड़े थे। मुख्य सरगना अरबिंदम बोस परिश्चम बंगाल के आसानशोल जनपद का था जो पकड़ में आया था और मौजूदा समय में बस्ती जेल में है। यहां तक कि इस गिरोह में एक गाड़ी एक कोतवाल को भी बेच दी थी। जांच में पाया गया कि गाड़ी चोरी की है तो उनके हाथ पांव फूल गए। लेकिन यह गिरोह उससे भी बड़ा है और नेटवर्क भी बड़ा है।
पुलिस टीम को मिला इनाम
पकड़े वाली टीम के सदर कोतवाल तहसीलदार सिंह, एसओजी प्रभारी शेषनाथ यादव, कोतवाल जोगिया दिनेश सरोज, जेल चौकी प्रभारी शशांक सिंह, एसआई चंदन कुमार, सिपाही राजीव शुक्ल,रमेश यादव,अजय राणा, वीरेन्द्र तिवारी, पवन तिवारी, अवनीश सिंह, मृत्युंजय कुशवाहा,विवेक कुमार मिश्र, देवेश कुमार,अभिनंदन सिंह, मंजीत सिंह आदि शामिल रहे। एसपी डॉ. यशवीर सिंह ने २० हजार रुपये टीम को इनाम दिया और आईजी स्तर इनाम दिलाने की घोषणा की।