बिस्कोहर में खौफजदा शांति, उत्पीड़न के भय से घर नहीं लौट रहे फरार आंदोलनकारी
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर के बिस्कोहर कस्बे में धीर धीरे शांति बहाल तो हो रही है, मगर पुलिसिया खौफ अभी खत्म नहीं हुआ है। हालांकि प्रशासन और राजनीतिज्ञों ने शांति की दिशा में प्रयास कर लोगों को भरोसा भी दिलाया है, बावजूद इसके कस्बे से फरार हुए तमाम लोग अभी घर नहीं लौट रहे है।
तीन दिन पूर्व बिस्कोहर बाजार में बिजली को लेकर प्रदर्शन कर रहे आंदोलनकारियों व पुलिस के बीच हुई झड़प के बाद कस्बा अभी तक सामान्य हालत में नहीं लौट पाया है। कल मंगलवार को वहां लगने वाली साप्ताहिक बाजार में बहुत सन्नाटा रहा। बाजार में आने वाले दुकानदारों का कारोबार न के बराबर हुआ। दुकानदारों के मुताबिक अधिकांश ग्रामीण दहशत के कारण घरों से नहीं निकले और खरीदारी नहीं की।
हालत यह है कि तीसरे दिन स्कूल गये बच्चों ने भी कस्बे में दहशत का माहौल महसूस कर लिया और अन्ततः उनका भय देख स्कूल प्रशासन को अवकाश करना पडा। हालांकि जिला पंचायत सदस्य विकास सिंह ने कस्बे में पहुंच कर लोगों का भय दूर करने का प्रयास किया, मगर उन्हें सफलता नहीं मिली।
बिजली के आंदोलन की लीडरशिप करने वाले अनेक चेहरे घटना के बाद से ही फरार है। बताया जाता है कि आंदोलन का नेतृत्व करने वाले गजेंन्द्र प्रताप सिंह, राम जी भाया जैसे लोग घर लौटने का साहस नहीं कर पा रहे है। यहां तक कि क्षेत्र के कई पत्रकार भी दहशत की वजह से घर नहीं लौट रहे। उनका मानना है कि घर वापसी पर पुलिस उनका उत्पीडन कर सकती है।
हालांकि पुलिस प्रशासन का दावा है कि वह किसी भी निर्दोष का उत्पीड़न नहीं कर रही है। लेकिन लोगों को पुलिस की बात पर भरोसा नहीं है। कस्बे की एक महिला का कहना है कि पुलिस के जवान कई बार घरों में घुस कर महिलाओं से फरार लोगों के बारे में पूछते हैं और नहीं बता पाने पर उनके साथ अभद्रता से पेश आते हैं।
खबर है कि बिस्कोहर कांड को अब राजनीतिक तूल भी दिया जा रहा है। उत्तर प्रदेश विधानसभा अघ्यक्ष माता प्रसाद पांडेय का गृहक्षेत्र होने के कारण प्रशासन जहां इस मसले को हल कराने में लगा है। वहीं विपक्षी दल इसे हवा देने में लगे है। माता पसाद पांडेय के राजनीतिक प्रतिद्धंदी व पूर्व सांसद मोहम्मद मुकीम ने तो इसे शर्मनाक बता कर घटना की न्यायिक जाच की मांग तक कर डाली है। कांग्रेस के जिलाध्यक्ष ठाकुर तिवारी और भाजपा जिलाध्यक्ष ने भी गांव का दौरा करने के बाद प्रशासन के कदम की निंदा की है और इसे सत्तापक्ष का जुल्म बताया है।
पुलिस अधीक्षक अजय साहनी के मुताबिक बिस्कोहर में अब शांति है। फोर्स को इस बात की हिदायत दी गई है कि वह अकारण किसी को परेशान न करे। फिलहाल तो वहां माहौल खौफजदा है। देखना है कि कस्बे की मुंडेरों पर शांति के कबूतर कब उतरते हैं।