डुमरियागंज में उठा सवाल, अगर नहीं जगदम्बिका पाल, तो कौन बनेगा भाजपा का नया लाल?

March 4, 2019 2:51 PM0 commentsViews: 2746
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नजीर मलिक

सिद्धार्थनगर। डुमरियागंज लोकसभा सीट पर टिकट के दावेदार के रूप में भारतीय जनता पार्टी के कई नेता गंभीरता से प्रयासरत हैं। वैसे किसी दल के सिटिंग सांसद का टिकट कटना बहुत कठिन माना जाता है, वह भी जब सांसद, जगदम्बिका पाल जैस बड़ी राजनीतिक हैसियत वाला हो, तो टिकट किसी नये आदमी को मिलना बड़ी राजनीतिक घटना बन जाती है। राजनीतिक विश्लेषक तो जगदम्बिका पाल का टिकट पक्का मान कर चल रहे है, मगर यहां भाजपा के कई नेता अपने आपको टिकट की रेस में आगे होने का बड़ा ठोस दावा कर रहे हैं। ऐसी हालत में लोगों में शंका उपजना और सवाल उठना स्वाभाविक है, कि आखिर माजरा क्या है?

डुमरियागंज सीट से जगदम्बिका पाल लगातार दो बार चुनाव जीत चुके हैं। २००९ में वे कांग्रेस के टिकट पर कामयाब हुए थे, तो 2014 में वे भाजपा के कमल निशान पर दुबारा जीते थे। ऐसी हालत में तो सामान्यतः टिकट उनको ही मिलना चाहिए, लेकिन राजनीति में सब कुछ मुमकिन है, इस मुहावरे को भी याद रख कर सोचना चाहिए। चर्चा तो यं तक है कि बस्ती के सांसद हरीश द्धिवेदी भी यहां आ सकते हैं, लेकिन अभी यह सिर्फ चर्चा है। पार्टी के अंदरखाने में इसकी पुष्टि अभी कोई नहीं कर रहा है।

जिप्पी तिवारी हुए सक्रिय

ऐसी हालत में सांसद जगदत्बिका पाल को टिकट न मिलने की बात सियासी जानकारों के गले से नहीं उतार पर रही है। लेकिन टिकट के नये दावेदारों के अपने तर्क हैं और अपना अत्मविश्वास भी है। गत दिनों भाजपा के वरिष्ठ नेता और डुमरियागंज से तीन बार विधायक रहे प्रेम प्रकाश ऊर्फ जिप्पी तिवारी ने क्षे़त्र में वाहनों का कफिला लेकर कर भ्रमण किया। उन्होंने लोगों से अपने समर्थन के लिए तैयार रहने को कह। वे महीने भर से क्षेत्र में लोगों से सम्पर्क कर रहे हैं। उनका मानना है कि टिकट अंत में उन्हीं को मिलेगा।

डा. चन्द्रेश कर रहे कड़ी मेहनत

जिला मुख्यालय के नामी चिकित्सक डा. चन्द्रेश उपाध्याय तो लगभाग 8 महीने से संसदीय क्षेत्र में मीटिंग, बैठक, चौपाल, जागरूकता आदि प्रोग्राम निरंतर चला रहे हैं। वे काफी मेहनत कर रहे हैं। उनके विशाल होर्डिंग्स बताते है कि टिकट को लेकर कितने गंभीर हैं। वे अपने उच्चे सम्पर्कों के आधार पर अपनी उम्मीदवारी पक्की मान रहे हैं। इसके अलावा भाजपा के एक अन्य ब्राह्मण नेता के नाम की चर्चा यदा कदा चलती रहती है। लोग इस बात को कहने लगे हैं कि भाजपा शायद यहां से किसी ब्राह्मण चेहरे को उम्मीदवार बनाने की सोच रही हो।

मंत्री को नहीं सुहाते पाल?

दरअसल जगदम्बिका पाल विरोधियों और उनके दावेदार प्रतिद्धंदियों का मानना है कि उनका विरोध उनके एक सजातीय मंत्री कर रहे हैं। वे इसके लिए पूरी ताकत लगाए हुए हैं। बताते है कि सांसद जी मंत्री जी को फूटी आंख भी नहीं सुहाते।  दूसरी बात कि ब्राह्मणों को संतुष्ट करने और उनकी नाराजगी को दूर करने के लिए ऐसा करना जरूरी माना जा रहा हो। यही नहीं संघ के नजर में वे खांटी भाजपाई की छवि नहीं बना पा रहे हैं। शायद यह सब कारण ध्यान में रख कर दावेदारों के हौसले मजबत हैं।

अमित शाह कर फंडा चर्चा में?

डुमरियागंज संसदीय क्षेत्र में इस बात की चर्चा है कि जगदम्बिका पाल से टिकट छीनने की प्रत्याशा रखने वाले एक दावेदार की सीधी पहुंच पार्टी अध्यक्ष अमित शाह तक है। इस आधार पर वे अपना टिकट कन्फर्म मानते हैं, परन्तु उनका यह दावा कितना सच है, फिलहाल इसका कोई प्रत्यक्ष प्रमाण नहीं है, लेकिन यह बात यदि सच है तो वाकई सांसद पाल के लिए खतरनाक है।

वैसे जगदम्बिका पाल अपने क्षेत्र में लगातार डटे हुए हैं। उनकी बाडी लैंग्वेज से फिलहाल ऐसा नही लगता वे किसी आशंका से घ्रिरे हुए हैं। हां, अन्य दावेदारोंका आत्म विश्वास भी डिगता नजर नहीं आ रहा है। ऐसे में सच तभी स्पष्ट होगा, जब टिकट की घोषणा होगी। उससे पहले तक तो फिंजा में यही सवाल तैरता रहेगा कि “क्या जगदम्बिका पाल का टिकट वाकई कटेगा? अगर पाल नहीं तो उनकी जगह अन्य कौन आएगा?”

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