भनवापुर ब्लाक प्रमुख चुनाव में अब हियुवा और भाजपा के बीच रस्साकशी के आसार
––– विपक्ष खामोशी से कोई मुस्लिम या ब्राह्मण उत्तीदवार उतार कर भाजपा में रस्साकशी का उठा सकता है लाभ
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। भनवापुर की ब्लाक प्रमुख रीना चौधरी के इस्तीफे के बाद वहां होने वाले उपचुनाव के लिए भाजपा और हिंयुवा वाहिनी के बीच शक्ति परीक्षण के हालात बन रहे हैं। इस मुद्दे पर भाजपा खेमे में उहापोह बढ़ता जा रहा है। आम ख्याल है कि भाजपा ने दोनों गुटों में से किसी एक को चुनाव लड़ने कर इजाजत दी तो दूसरा पक्ष विद्रोह से नहीं हिचकेगा। वहां हालत बेहद रामांचक होने वाले हैं।
बताते हैं कि 26 तारीख को ब्लाक प्रमुख रीना चौधरी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश होना था। मगर सपा अध्यक्ष ढिनकू चौधरी का अनुज बहू रीना चौधरी ने अविश्वास प्रस्ताव का सामना करने के बजाए 24 अगस्त को ही इस्तीफा दे दिया। उस ब्लाक में रीना चौधरी के खिलाफ भाजपा के दो दावेदार हैं। एक हिंदू यूवा वाहिनी के नेता लवकुश ओझा हैं जो क्षेत्रीय विधायक राघवेन्द्र के करीबी माने जाते हैं। दूसरे तीन बार विधायक रहे भाजपा नेता जिप्पी तिवारी हैं। दोनों ही अपनी पत्नियों को ब्लाक प्रमुख बनाने को कटिबद्ध हैं। जानकारों का कहना है कि रीना के बाद जिप्पी तिवारी और लबकुश ओझा के बीच शक्ति परीक्षण अपरिहार्य हो गया है।
भनवापुर ब्लाक में कुल 106 बीडीसी सदस्य है। लवकुश ओझा का दावा है कि इनमें से अधिकांश हमारे साथ हैं। उनका कहना है कि दल बदल करने वाले जिप्पी तिवारी पर हमारी निष्ठा भारी है। दूसरी तरफपिूर्व विधायक जिप्पी तिवारी का मानना है कि लगातार तीन बार विधायक रहने के कारण अधिकांश बीडीसी मेंत्बर उनके साथ हैं। बहरहाल अभी तक दोनों ही पक्ष झुकने को तैयार नहीं हैं। यह मुद्दा भाजपा की जिला कमेंटी के लिए सर दर्द बना हुआ है।
बताया जाता है कि दोनों पक्षों की इस लड़ाई पर विपक्ष ध्यान से नजर रख रहा है। विपक्ष इस रण्नीति पर विचार कर रहा है कि अगर लवकुश ओझा और जिप्पी तिवारी के बीच लड़ाई तय हो जाती है तो अंतिम समय में विपक्ष किसी तीसरे उम्मीदवार को मैदान में उतार कर इस लड़ाई को जीत भी सकता है। इसके लिए उसने एक ब्रहमण और एक मुस्लिम नाम भी तय कर लिया है। फिलहाल प्रशासन ने अभी चुनाव की तिथि घोषित नहीं की है। मगर जो भी तिथि आयेगी वह बेहद रोचक और रोमाचंक होगी।