दो दिन से इंटरनेट सेवा ठप, ग्राहक पीट रहे माथा, अफसर काट रहे ग्राहकों का फोन
संजीव श्रीवास्तव
“सिद्धार्थनगर में पिछले 36 घंटों से बीएसएनएल इंटरनेट सेवा बंद है। तकरीबन एक लाख उपभोक्ता परेशान हैं। कोई अफसर यह बताने को तैयार नहीं, कि असल माजरा क्या है? मुख्यालय के एसडीओ की लापरवाही देखिये, कोई उपभोक्ता उन्हें फोन करें तो कुछ बताने के बजाए फोन काट देते हैं। राजनीतिक प्रभाव वाले हैं। कोई उनका बिगाड़ भी क्या सकता है”
36 घंटे से अधिक समय से इंटरनेट सेवा बाधित होने से दुनिया की सबसे बड़ी संचार सेवा का दावा करने वाले दूर संचार विभाग की पोल खुल गयी है। सिद्धार्थनगर जनपद मुख्यालय समेत शोहरतगढ़, बांसी, इटवा, डुमरियागंज तहसील क्षेत्रों में मंगलवार से इंटरनेट सेवा बाधित है।
मंगलवार को ट्रेड यूनियन की हडताल में शामिल होने के कारण बुधवार को सभी बैंकों पर उपभोक्ताओं की अच्छी-खासी भीड़ थी। सुबह जैसे ही बैंकों के कम्प्यूटर खुले, इंटरनेट सेवा फेल मिली। बैंकों के मुख्य द्वार पर इंटरनेट सेवा ठप होने की सूचना टांग दी गयी। अनुमान है कि दो दिनों में बैंकों का 25 करोड़ से अधिक का व्यापार प्रभावित हुआ है।
संचार विभाग के सूत्रों की मानें तो बस्ती में कुछ तकनीकी खराबी हुई है। जिससे पूरे जिले की इंटरनेट सेवा ठप है। लम्बे समय से इटरनेट सेवा बाधित होने से उपभोक्ताओं पर चाहे जितना असर पड़ा हो, मगर बीएसएनएल सिद्धार्थनगर में बतौर एसडीओ तैनात दुर्गेश सिंह को इतनी भी फुसर्त नहीं है कि वह किसी का काल अटेंड करें और उसे सही हालात की जानकारी दें।
कपिलवस्तु पोस्ट ने सेवा बाधित होने कके बारे में जानने के लिए एसडीओ के मोबाइल पर कम से कम दर्जन भर काल किया, मगर जैसे ही घंटी बजती है, एसडीओ साहब मोबाइल विजी कर देते हैं। मतलब साफ है कि उन्हें जनता की परेशानियों से कोई सरोकार नहीं है। फिलहाल बीएसएनएल के ग्राहक 36 घंटों से अपना माथा पीट रहे हैं।