चुनावी तैयारीः बांसी और कपिलवस्तु सीट पर बसपा का अता–पता नहीं
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। विधानसभा चुनाव का एलार्म बज चुका है। सभी दलों के घोषित उम्मीदवार अपनी–अपनी सीटों पर प्रचार प्रसार में व्यस्त हैं, लेकिन जिले की कपिलवस्तु और बांसी विधानसभा क्षेत्र में बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवारों का अता–पता नहीं है।
जिले की सभी पांच सीटों पर बसपा ने प्रत्याशी घोषित कर रखा है। इनमे डुमरियागंज, इटवा और शोहरतगढ़ के उम्मीदवार क्षेत्र में धूम मचाए हुए हैं। इन तीनों क्षेत्रों के उम्मीदवार क्रमशः सैयदा मलिक, हाज़ी अरशद खुर्शीद व मो. जमील सिद्दीकी अपने–अपने क्षेत्रों के अलावा अपने मुम्बाइया वोटरों को सहेजने के लिए मुम्बई तक के भी दौरे कर रहे हैं।
एक तरफ इन तीनों उम्मीदवारों की ताबडतोड़ जन सभाओं और जन सम्पर्को से क्षेत्र में बसपा का चुनावी महौल साफ दिख रहा है, लेकिन कपिलवस्तु और बांसी क्षेत्र में उनकी सक्रियता की आहट किसी को सुनाई नहीं पड़ रही है।
बसपा ने बांसी से अपने अनुभवी नेता और पूर्व एमएलसी लालचन्द निषाद को उम्मीदवार बनाया है, जबकि कपिलवस्तु सीट से चन्द्रभान पहलवान उम्मीदवार हैं। यह दोनों सीटें बसपा की कमजोर सीटें मानी जाती है। गत चुनाव में भी कपिलवस्तु सीट से बसपा प्रत्याशी रहे पी.आर. आजाद को विजेता विजय पासवान को मिले 78 हजार 3 सौ 44 वोटों के मुकाबले 32 हजार 2 सौ 4 वोट ही मिले थे, जबकि बांसी के प्रत्याशी को 20 हजार वोट ही मिल सके थे।
इस लिहाज से इन सीटों पर बसपा को कड़ी मेनहत की जरूरत है, लेकिन दोनों सीटों पर बसपा उम्मीदवारों की गतिविधियां शिथिल हैं। अगर काम करने की यही रफ्तार रही तो इन दोनों सीटों पर बसपा को पारम्परिक रूप से पराजय का कड़ा दुख झेलना पड़ेगा।
इस बारे में बसपा जिलाध्यक्ष शेखर आजाद का कहना है कि दोनों उम्मीदवार शिथिल नहीं है। वह इन दोनों सीटों पर रणनीति के लिहाज से डोर–टू–डोर सम्पर्क में लगे हैं। इसी वजह से मीडिया को लगता है कि उनकी गतिविधियां कम है। उन्होंने कहा कि इस बार बसपा इन दोनों सीटों को जीतने की हालत में है।