ढाई हजार साल पुरानी बुद्ध की अष्टधातु प्रतिमा मिली, अनुमानित कीमत 10 करोड़़ आंकी गई
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर शहर के बीचो बीच छठ घाट की साफ सफाई के दौरान जमुआर नदी से बुद्ध की प्राचीन मूर्ति बरामद हुई है। मूर्ति के ढाई हजार साल पुरानी होने का अनुमान है। अष्टधातु की इस मूर्ति की कीमत तकरीबन 10 करोड़ आंकी गई है। बरामदगी रविवार दोपहर को हुई।
रविवार दोपहर नगरपालिका अध्यक्ष मो. जमील सिदृदीकी जमुआर नदी पर बने छठ घाट की सफाई करवा रहे थे। बताया जाता है कि मजदूर जब नदी में घुस कर उनके किनारों को साफ करने लगे तो उन्हें यह मूर्ति मिली।
मौके पर मौजूद अध्यक्ष जमील सिदृदीकी ने मूर्ति देखा तो वह चौंक पड़े। वह बुद्ध की दो फीट उंची मूर्ति थी और काफी वजनी थी। उन्हें मूति की प्राचीनता और महत्व का अहसास हुआ तो फौरन इसकी खबर प्रशासन को दी गई। प्रशासनिक अमला आनन फानन में घाट पर पहुंच गया।
अनुमान है कि उक्त मूर्ति नदी में बह कर आई होगी। जिले में गौतमबुद्ध के पिता की राजधानी प्राचीन कपिलवस्तु नदी से जुड़ी है। दरअसल कपिलवस्तु बजहासागर के पास है। बजहा सागर का पानी जमुआर नदी में गिरता है। इसलिए संभव है कि बुद्ध के पुरातात्विक क्षेत्र से मूति नदी में बह कर यहां तक चली आई हो।
फिलहाल पुलिस विभाग ने इसे अष्टधातु की मूर्ति बताते हुए इसकी कीमत दस करोड़ आंका है और इसके ढाई हजार साल तक पुरानी होने की संभावना बताई जा रही है। मूर्ति को देखने के लिए मौके पर हजारों की भीड़ थी। समाचार लिखे जाने तक मूर्ति को प्रशासनिक संरक्षण में लेने की कार्रवाई चल रही थी।
इस बारे में नगरपालिका अध्यक्ष मो. जीमल सिदृदीकी ने कहा है कि प्रतिमा महत्वपूर्ण है। उसकी कलात्मकता देख कर बौद्ध काल के स्वर्णिम युग का इतिहास ताजा हो गया है। हमें गर्व है कि हम प्रचीन कचिपलवस्तु क्षेत्र के नागरिक हैं।