बसपा जिला अध्यक्ष शेखर आजाद व पूर्व एमएलसी लालचंद पर 20 लाख की जालसाजी का मुकदमा
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। बसपा के जिला अध्यक्ष शेखर आजाद और उनकी पार्टी के पूर्व एमएलसी शेखर निषाद संकट में घिर गये हैं। पुलिस ने दोनों के खिलाफ बांसी कोतवाली में जालसाजी सहित कई धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। निषाद गत चुनावों में बांसी विधानसभा सीट से बसपा उम्मीदवार भी थे। वर्तमान में वे पार्टी के जोनल कोआर्डीनेटर हैं।
खबर है कि डुमरियागंज महसील के ग्राम हल्लौर निवासी फज्ले मसूद नामक व्यक्ति ने दोनों के खिलाफ के खिलाफ यह मुकदमा दर्ज कराया है। फज्ले मसूद की तहरीर पर शेखर आजाद और लालचंद निषाद के खिलाफ के खिलाफ धारा 420 के अलावा भारतीय दंड संहित की धारा 504 व 506 के तहत मुकदमा पंजीकृत किया गया है। इस खबर के बाद राजनीतिक हलकों में चर्चा गर्म हो गई है।
क्या है मामला
तहरीर के मुताबिक वादी फज्ले मसूद ने आरोप लगाया है कि दोनों नेताओं ने उनसे उनसे सिद्धार्थ विश्वविद्यालय में नौकरी दिलाने के नाम पर 20 लाख रुपये लिये थे, और नौकरी मिल जाने की गारंटी दी थी। लेकिन जब नौकरी नहीं मिली तो उन्होंने रुपये वापस करने की मांग की।
बताया गया है कि दोनों लोग पैसा लौटाने के नाम पर उन्हें दौड़ाते रहे। जब उनको पैसा मिलने की कोई उम्मीद न रह गई तो लोगों की राय पर उन्हें पुलिस की शरण लेनी पड़ी। बांसी कोतवाली के मुताबिक मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। मामले की छानबीन की जा रही है।
शेखर आजाद ने दी सफाई
इस मामले में जिला अध्यक्ष शेखर आजाद ने बताया कि उन्हें मुकदमे की बात मीडिया से मालूम हुई है। वह फजले मसूद को पहचानते तक नहीं। उन्होंने कहा कि यह मामला राजनीतिक विद्धेष का है। हाल के दिनों में हमने जिले के दो नेताओं का पार्टी से निष्कासन किया है। यह उसी परिप्रेक्ष्य में की गई बदले की करवाई है। उन्होंने कहा कि यह गंदी राजनीति है।