दिल्ली से आई चााचा भतीजे की लाश देख कर गांव में मच गया कोहराम

June 6, 2022 12:31 PM0 commentsViews: 1179
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नजीर मलिक

शोहरतगढ़। थाना क्षेत्र के छतहरी गांव में रविवार को दिल्ली से मृत चाचा और भतीजे का शव पहुंचते ही परिजनों एवं ग्रामीणों में मातम छा गया। मासूम बेटी को सीने से चिपकाए मृतक पवन की विधवा की चीखें जहां दिलों में हलचल मचा रही थीं वहीं उके भतीजे करन की मां का रोना कलपना वातावरण को असहनीय और करूणाजनक बना रहा था। बता दें कि दिल्ली के पीरागढ़ी थाना क्षेत्र में गैस सिलिंडर में लगी आग के हादसे में गत दिवस चाचा भतीजा की मौत हो गई थी। विधायक विनय वर्मा व एसडीएम उत्कर्ष श्रीवास्तव ने पहुंचकर परिजनों को सांत्वना दिया और उन्हें व घायलों को हर संभव मदद देने का आश्वासन दिया।

 रविवार को उनकी लाशदिल्ली से गांव पहुंची  तो पूरा इलाका गांव में उमड़ पड़ा। लाग भाग भाग कर छतहरी पहंवने लगे। जो भी चाचा भतीजे की लाश देखता मुंह से आह निकल जाती। सबसे बुरी हालत २७ साल के मृतक पवन की २२ साल की पत्नी की थी। वह अपनी दुघमुंही बच्ची को सीने से सटाएं निरंतर चीख रही थी। गांव की महिलाएं उसे संभालने की जी तोड़ कोशिश् कर रही थीं। मृतक रोहन की मां राधा और पिता गंगाराम पुत्र का शव देखर चीत्कार करने लगे। यह देखकर वहां मौजूद लोगों की आंखे नम हो गई। दोनों के शव लेदवा स्थिति श्मशान घाट पर दफनाया गया। इस दौरान भारी संख्या में लोग मौजूद रहे।

क्या है दोनों मौतों की कहानी

 शोहरतगढ़ से सटे छतहरी गांव निवासी पवन कुमार दिल्ली पीरागढ़ी में किराए का मकान लेकर रोजी रोटी के लिए छोले भटूरे की दुकान चलाता था। गांव के ही सिकंदर, साबिर, रमेश, हरिओम, रामरत्न भी वहीं काम करते थे। पवन कुमार का भतीजा रोहन उर्फ करन (14)  भी वहीं रह कर पढ़ाई करता था। शुक्रवार सुबह  पवन दुकान के लिए गैस चूल्हे पर कार्य कर रहे थे। तभी अचानक आग लगने से गैस सिलिंडर फट गया। जिसकी आग के चपेट में आकर पवन कुमार (27) पुत्र मगरू और भतीजा रोहन (14) पुत्र गंगाराम की मौत हो गई थी। साथ मे साबिर (20), रमेश (28), हरिओम (25) और सिकंदर भी झुलस गए।

 रामरतन घटना के समय छत पर सोया था। गैस सिलिंडर फटने की आवाज से छत से कूद गया, जिसस वह भी घायल हो गया। स्थनीय लोगो ने घायलो को सफदरगंज अस्पताल में भर्ती करवाया। जहां सिकंदर की हालत गंभीर होने पर उसे पीजीआई भर्ती करवाया गया। अन्य घायलो की प्राथमिकता उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई। अब उनका इलाज सिद्धार्थनगर के अस्पताल में इलाज चल रहा हैं।

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