शोहरतगढ़ नगर पंचायत में अध्यक्ष और उनके पति लूट रहे सरकारी धन, जल्द ही छिन सकता है चेयरमैन पद
नजीर मलिक
शोहरतगढ़ नगर पंचायत की अध्यक्ष और हिंदू यवा वाहिनी नेता सुभाष गुप्ता की पत्नी का पावर सीज होने के बाद जिलाधिकारी ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है। उनका पद खतरे में है। उनके पति भी कई घपलों में चर्चित हैं। आशंका है कि अध्यक्ष बबिता कसौधन आने वाले दिनों में बर्खास्त हो सकती हैं।
शुक्रवार को अध्यक्ष बबिता कसौधन का वित्तीय और प्रशासनिक अधिकार शासन ने सीज कर दिया था। इस आदेश के बाद शनिवार को जिलाधिकारी सुतेन्द्र कुमार ने उन्हें कारण बताओ नोटिस दे दी। उनका चार्ज एडीएम को सौंप दिया।
अध्यक्ष बबिता ने अगर नियत समय में डीएम को कारण बताओ नोटिस का तथ्यपरक जवाब नहीं दिया, तो डीएम की रिपोर्ट पर शासन द्धारा उन्हें बर्खास्त किया जा सकता है। नगर विकास विभाग के पास उनके खिलाफ काफी सबूत हैं, लेकिन वह कार्रवाई से पहले सब कुछ पक्का कर लेना चाहता है।
क्या हैं आरोप
हिंदू यवा वाहिनी के नेता रमेश गुप्ता की पत्नी बबिता कसौधन के खिलाफ वहां के सभासद मनोज मित्तल ने 14 बिंदुओ को लेकर शासन में शिकायत की थी। जिसमें यह भी था, कि उन्होंने 80 मीटर सड़क बनवा कर सौ, एक सौ बीस मीटर का भुगतान किया है।
यही नहीं शिकायत में उन पर भारत माता चौक के निर्माण में घपला और स्वागत खर्च में फर्जी बिल बाउचर के आधार पर भी भुगतान का आरोप लगााया था।जांच के दौरान तमाम आरोप प्रथम दृष्टया सही पाये गये हैं।
अध्यक्ष पति पर भी हैं आरोप
बबिता कसौध ही नहीं उनके पति हियुवा नेता सुभाष कसौधन पर भी कई आरोप हैं। पत्नी के पद के आधार पर गड़बड़ी के अलावा उन पर अपनी माता के इलाज के नाम पर केन्द्र सरकार से पैसा लेने का आरोप है। इसकी सूची सांसद जगदम्बिका पाल की विकास पुस्तिका में अंकित है। वह आर्थिक रूप से बेहद मजबूत हैं, जबकि यह योजना गरीब लोगों के लिए है।
दो ठेकेदारों पर मुकदमा मुमकिन
इस मामले में दो ठेकेदारों पर भी मुकदमा मुमकिन है। खबर है कि शक्ति और सोनू नाम के दो ठेकेदारों के नाम पर ही फर्जीबाड़ा किया गया है। लिहांजा उन पर भी तलवार लटक रही है। जांच में घपला सही निकला तो उनका जेल जाना संभव हो सकता है।
सभासद पति ने कहा–
इस बारे में सभासद पति और हिंदू युवा वाहिनी नेता सुभाष गुप्ता का कहना है कि यह सब कुछ एक सपा नेता के इशारे पर हो रहा है। माता की बीमारी के नाम पर केन्द्र से मदद लेने के बारे में उनका कहना है कि उन्हें मदद मिली थी, लेकिन उन्होंने चेक नहीं लिया है।
यहां यह गौर तलब है कि बिना अप्लीकेशन दिये किसी को मदद नहीं मिलती। अगर उन्हें चेक नहीं लेना था तो उन्होंने अप्लीकेशन दी क्यों।उनकी यह बात किसी को हजम नहीं हो रही है।
फिलहाल नगर पंचायत अध्यक्ष के सारे अधिकार एडीएम पीके जैन को दे दिये गये हैं। कारण बताओ नोटिस पर अध्यक्ष बबिता कसौधन के जवाब के बाद ही प्रशासन अगली कार्रवाई तय करेगा।