बांसी के पीडितों को मकन व दुकान देंगी नपा अध्यक्ष चमनआरा
नगर पालिका बनवायेगी पीड़ितों के लिए दुकान व मकान
पीडितों के जख्म पर मरहम का यही तरीका- चमनआरा
मलिक
सिद्धार्थनगर।नगर पालिका बांसी के मैदान बांसी में रविवार को अतिक्रमण हटाने के लिए आये बुलडोजरों ने कल सत्रह रिहायशी मकान और दुकान ध्वस्त कर दिया। उन मकानों में लोग तकरीबन सौ सालों से रह रहे थे। ध्वस्त मकानों में रहने वाले तकरीबन सौ लोगों के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। मकानों के स्वामियों का कहना है कि यह जमीन तत्कालीन बांसी राज घराने ने नजराने के एवज में दिया था। इसकी रसीदें भी उन लोगों के पास हैं। मगर वह जमीनें बाद में अधिकृत तौर पर सरकारी निकली। और उनके कई पुश्तों पुराने मकान बुलडोजर से ढहा दिये गये। उसी राजपरिवार के उत्तराधिकारी जय प्रताप सिंह वर्तमान में विधायक हैं, मगर अपने पुरखों द्धारा दी गई बख्शीश की रक्षा वे भी नही कर सके।
कल की घटना से पीड़ित बहुत परेशान है। कल यानी रविवार को ध्वस्तीकरण का विरोध सपा ने किया और पूर्व विधायक लालजी यादव, नगरपालिका अध्यक्ष चमनआरा सहित तमाम लोग गिरफ्तार हुए या फिर नजरबंद किये गये। लेकिन नजरबंदी के बाद बांसी के दो दर्जन पीडितों के साथ जिस प्रकार नगरपालिका अध्यक्ष व सपा नेता चमनआरा खड़ी हुई हैं, सकी मिसाल मिलना कठिन है। ध्वस्तीकरण के वक्त वह अपने पति व पूर्व नपा अध्यक्ष इद्रीश पटवारी के साथ नजर बंद थी। देर रात नजरबंदी के बाद उन्होंने बांसी के पीडितों के नाम एक अपील में कहा कि उन्हें खेद है कि संकट के समय वे अपने नागरिकों के पक्ष में खड़ी न हो सकीं, क्योंकि वह नजरबंद थी।
उन्होंने रूंधें गले से सभी पीडितों से वादा किया है कि वह जल्द ही कुछ दुकान और मकान का निर्माण करा कर पीड़ितों को आवंटित करेंगी। इसक व्यवस्था नगरपालिका के तरफ से की जाएगी। चमनआरा समाजवादी पार्टी की नेता हैं। उनकी छवि एक तेज तर्रार नेता की है। संकटों से नही घबराना और हर हाल में अपनी जनता के पक्ष में खडें रहना व उनके लिए हर प्रकार का संघर्ष करना उनका राजनीतिक शगल है। उनका यह नया वादा, अगर जल्द ही पूर्ण होगा, तो उन पीड़ितों की दुआयें उनके साथ रहेंगी, इसी के साथ उनकी सियासी जमीन भी हरी भरी होगी। उनकी इस घोषणा ने बांसी के दो दर्जन पीड़ितों के घावों पर यकीनन मरहम लगाने का काम किया है।