जिला पंचायत अध्यक्षः सपा के गरीबदास को मिल सकती है पार्टी के अंदर से चुनौती
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए गरीबदास की उम्मीदवारी के एलान के बाद समाजवादी खेमे में बेहद हलचल है। आसार ऐसे बन रहे है कि उन्हें चुनौती देने के लिए कोई समाजवादी भी कमर कस सकता है।
सपा विधायक विजय पासवान के भाई रामलाल ने साफ कर दिया है कि उनका सपा से कोई नाता नहीं है। इसलिए वह चुनाव लड़ने के लिए स्वतंत्र हैं। उनके इस वर्जन का सियासी अर्थ निकाल पाना मुश्किल नहीं है।
इसके अलावा विजय पासवान ने अभी अपनी पत्नी मंजू पासवान के लिए उम्मीद नहीं छोड़ी है। सपा की एक अन्य दावेदार शांति पासी भी पार्टी का फैसला बदलने को लेकर आशन्वित हैं।
बहारहाल समाजवादी पार्टी की हलचल देख पस्त पड़ा विपक्ष में समाजवादी पार्टी में लगी असंतोष की आग को हवा दे रहा है। अगर उसे सपा से कोई बागी मिला तो मुमकिन है सारा विपक्ष उसके साथ खड़ा हो जाए।
सपा नेता चिनकू यादव के करीबी गरीबदास को टिकट मिल जाने के बाद सदर विधायक विजय पासवान के भाई रामलाल के चुनाव लड़ने के आसार सबसे ज्यादा हैं। उनका कहना कि उनके पास दो दर्जन जिला पंचायत सदस्यों का समर्थन है और वह सपा के सदस्य भी नहीं है। इसलिए चुनाव लड़ने को आजाद हैं।
उनके इस बयान के निहितार्थ साफ हैं। विधायक विजय पासवान अगर पार्टी उम्मीदवार बदलवा पाने में कामयाब न रहे तो रामलाल का चुनाव लड़ना मुमकिन हो सकता है।
फिलहाल सपा नेता चिनकू यादव का खेमा उत्साह में है। स्वयं चिनकू यादव भी आत्म विष्वास से लबरेज हैं। उन्होंने कहा है कि समाजवादी पार्टी एकजुट है। गरीबदास की जीत यकीनी है।
दूसरी तरफ सपा के अंदर चिनकू विरोधी खेमा उनके विकल्प की तलाश में हैं। उसकी सारी उम्मीदें रामलाल और शांति पर टिकी हैं। लेकिन रामलाल जिस तरह मुखर हैं, उससे लगता है कि वह चुनौती देने के लिए मानसिक रूप से तैयार हैं। देखना है ऊंट किस करवट बैठता है?