मुलसमानों को आगे बढ़ना है तो सिविल सर्विसेज की पढ़ाई और सियासत में आगे बढ़ें। डा. वहाब
हमीद खान
इटवा सिद्धार्थनगर। मानव जीवन में शिक्षा का बहुत महत्व है। शिक्षित ब्यक्ति के अन्दर सोचने , समझने व विषय बस्तु का विश्लेषण करने की क्षमता होती है। शिक्षित व्यक्ति अपने बच्चाें के भविष्य के प्रति जागरुक होता है। मुसलमानों को अागे बढ़ने के लिए सिविल सर्विसेज की परीक्षा की और राजनीति मे भागीदारी बढ़ानी होगी।
उक्त बातें डा अब्दुल वहाब ने कही। वह रविवार को जनता टेन्ट हाउस भवन में डा ए.आर. रहमान चैरिटेबल ट्रस्ट बस्ती द्वारा अल्पसंख्यक व सिविल सेवा विषय पर आयोजित विचार गोस्टी को संबोधित कर रहे थे। उन्होने कहा कि मुश्लिम वर्ग में शिक्षा का भारी आभाव है। और अज्ञानतावश शिक्षा को ज्यादा महत्व नहीं दिया जाता है। ऐसे में लोगो को समय समय पर भारी कठिनाइयों का समाना करना पड़ता है।
उन्होने कहा कि तालीम का मतलब मात्र नौकरी से नहीं है। कक्षा 10 वीं कक्षा से ही छात्र को अपने कैरियर के विषय में धारणा विकसित करनी चाहिए कि किसे कौन से क्षेत्र में कार्य करना है। उन्होने सिविल सर्विस के बारे में लोगांे को विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि कड़ी मेहनत करने के बाद आप पार्ट आफ सेल्यूशन बने।ऐसे प्रतियोगी परीक्षाओं में धांधली नहीं होती है। और मेहनतकश लोगों को सफलता मिलती है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मौलाना आजाद डिग्री कालेज बायतास के प्रवक्ता डा अखलाक हुसैन ने कहा मुल्क के बड़ी परीक्षा जैसे लोकसेवा में मुस्लिम छात्र बहुत कम तादाद में शरीक होते हैं। उन्हें एहसास कमतरी से बाहर आना होगा, क्यों कि अब उनके लिए सलाहियत की कमी नहीं हैै। उन्हों ने कहा कि मुसलमान दो चीजों, लोकसेवा और सियासत में अच्छे से हिस्सेदार नहीं हो पायेंगे, तब तक उनकी हालत इस देश में बदतर बनी रहेगी।
फातिमा स्कूल के प्रधानाध्यापक नादिर सलाम ने कहा कि मुसलमान शिक्षा के मामले में बहुल कमजोर हैं। उनहें उच्च शिक्षा ग्रहण कर के देश के नोकरयों में अपनी हिस्सेदारी लानी होगी। इस के एलावा असरार फारुकी , शाहिद सिराज , वसीउल्लाह, अतीकुर्रहमान आदि ने संबोधित किया। डा0 मुजम्मिल , डा0 शबनम यहिया, मो0 अनीक, मौलाना मो0 नईम आदि लोग मौजूद रहे।