हर समाज को न्याय, समता व सम्मान दे सकती है कांग्रेस पार्टी- डा. सरफराज
कांग्रेस न होती तो जनता आज भी अंग्रेजों की गुलामी कर रही होती
निजाम अंसारी
सिद्धार्थनगर। कांग्रेस ने आजादी की लड़ाई में बेशुमार जानों की कुर्बानी देकर देश को आजाद कराया। अजादी के बासद देश के सभी लोगों को बराबरी और इंसाफ दिया। मगर बाद में साम्प्रदायिक ताकतों ने देा में सामाजिक विभाजन का जहर बोकर सत्ता हड़प लिया। विपा के इस ख्ातरनाक खेल का खामियाजा जनता भुगत रही है। लेकिन असली सच यही है कि कांग्रेस ही जनता को न्याय, समता और सम्मान दे सकती है।
यह बातें कांग्रेस नेता डा. सरफराज अंसारी ने कहीं। वे गत दिवस शोहरतगढ़ विधानसभा क्षेत्र के पड़रिया, पचउध, औंदही कला, सिसवा, औदही खुर्दआदि गांवों में जनसम्पर्क के दौरान ग्रामीणों को सम्बोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि आजादी के 60 सालों में कांगेस ने मेहनत से जितने कल कारखाने व विकास के उपक्रम स्थापित किये थे, वर्तमान सरकार सभी को बेच रही है। सोचने की बात है कि जब सभी उपक्रम बिक जायेगे तो देशवासियों का क्या होगा?
डा. सरफराज ने कहा कि कांग्रेस आई तो देश के दलितों और दबे कुचले लोगों को बराबरी का अधिकार दिया, जमींदारी तोड़ कर गरीबों को जमीने मुफ्त में दीं। देश में रेल, बस, हवाई जहाज की सेवा शुरू की। देश भर में सड़कों पुलों का जाल बिछाया। जिससे आवागमन आसान हो और कृषि व व्यापार में उन्नति हो सके। कांग्रेस ने बड़े बड़े अस्पताल और स्कूल कालेजों का निर्माण कराया ताकि शिक्षा और ज्ञवास्थ्य सेवा को बेहतर किया जा सके।
उन्होंने कहा कि मगर झूठे आरोपों और साम्प्रदायिकता के सहारे सत्ता में आई वर्तमान भाजपा सरकार ने एक एक कर सभी को बेचना शुरू कर दिया। रेल, हवाइ्र जहांज ही नहीं रेलवे प्लेट फार्म तक बेचाा जाने लगा। सारे उपक्रम पूजीपतियों को बेचे जा रहे हैं। जिससे नौकरियों की कमी हो रही है।देश के दो पूजीपति सरकार से जो चाहे करवा रहे हैं। किसान कानून भी उन्हीं के इशारे पर लाया गया था।
उन्होंने आरोप लगााया कि भाजपा देशके निमार्ण सहित समता व न्याय के सिद्धांत पर अमल करती है, जबकि भाजपा देश के उपक्रमों को बेचने, उन्माद भड़काने और दतिल व पिछड़ों के हक पर डाका डालने का काम कर रही है।
इससे पूर्व उक्त गांचों में घर घर सम्पर्क करते हुए डा. सरफराज अंसारी ने ग्रामीणों से कांग्रेस को वोअ और सपार्ट देने का अनुरोध किया। जनसम्पर्क में उनके साथ अलताफ हुसैन, परवेज अख्तर, गुड्डू उपाध्याय, शफीक प्रधान, बबलू, महतव, फखरे आलम आदि साथ रहे।