salute you sir- काशǃ एसओ खेसरहा के नक्शे कदम पर चल कर अन्य पुलिस वाले मिसाल बन पाते
नजीर मलिक
सिद्धार्थ नगर। जनता की नजर में पुलिस की छवि बेहद कटीली और तपते रेगिस्तान सरीखी होती है। ऐसे में जब उसका कोई मानवीय कदम दिखता है तो रेगिस्तान में शीतल बयार का एहसास देता है। सिद्धार्थनगर जिले के खेसरहा थाना इंचार्ज रणधीर मिश्र ने भी एक मृत देह को सम्मान देकर पुलिसिया बियाबान में ठंडी हवा के झोंके का यहसास कराया है। काश सभी पुलिस वाले ऐसे हो जायें तो जनता नखलिस्तान के आनंद की मुंहताज न रहे।
क्या है पूरी कहानी
घटना खेसरहा थाने के करीब बेलौहा कस्बा निवासी रमेश गुप्त से सम्बंधित है। 30 साल का रमेश गुप्ता काफी दिनों से कैंसर से पीड़ित था। घर में केवल उसकी विधवा मां थी। कोई मदद करने वाला न था। यह बात खेसरहा थानाध्यक्ष रणधीर मिश्र को पता चली तो उन्होंने पुलिस अधीक्षक को पूरा मामला बता कर उसे इलाज के लिए अपने खर्चे पर मेडिकल कालेज भेज दिया।
कैसर का लास्ट स्टेज था। उसका पुरा शरीर संक्रमित हो चुका था। लिहाजा डाक्टरों ने उसे वापस घर वापस भेज दिया। परसों अचानक रमेश दुनियां को अलविदा कह गया। विधवा मां विपत्ति में पड़ गई। उसने बेटे के अंतिम संस्कार के लिए लोगों से फरियादें कीं, लेकिन कस्बे का कोई व्यक्ति संक्रमित देह की अर्थी श्मशान तक पहुंचाने को तैयार न था। ऐसे में एसओ रणधीर मिश्र एक बार फिर उस परिवार के लिए फरिश्ता बन कर आये।
जब दारोगा जी ने अर्थी को कंधा देने का किया एलान
बेलौहावासियों के मुताबिक रमेश के अंमि संस्कार न होने की सूचना पर एसओ रणधीर मिश्र मृतक के घर पहुंचे। वहां केवल शव के साथ एक विधवा मां के विलाप के अलावा कोई न था। ऐसे में उन्होंने खुद रमेश की अर्थी को कंधा देने का इरादा और उसका एलान किया। उसके बाद लोगों से इस सत्कर्म में हाथ बंटाने के प्रयास शुरू कर दिये। अंत में घंटों की कोशिश के बाद लोग बड़ी मुश्किल से अर्थी उठाने को तैयार हुए। इस तरह कल मृतक का कर्मकांड के मुताबिक अंतिम संस्कार हो सका।
थैंक यू एसओ खेसरहा सर
एसओ रणधीर मिश्र के इस काम की इलाके में बहुत सराहना हो रही है। लेकिन वे इसे अपना दायित्व बताते हैं। उनका कहना है कि हम तो जनसेवा की नौकरी ही कर रहे है। हमारा मानना है कि जिसको भी मदद की जरूरत हो, पुलिस उसके लिए सबसे पहले आगे बढे। मै इस पर पूरा अमल भी करता हूं। काशǃ रणधीर मिश्र की यह बात हर पुलिस वाला समझता।एसओ खेसरहा पूर्व में भी इस थाने पर कई सामाजिक कार्यों को अंजाम दे चुके हैं। इसलिए सल्यूट तो बनता ही है ऐसे कर्तव्यपरायण थानाध्यक्ष को। थैंक यू, एसओ खेसरहा सरǃ