तैयार है 3 सौ फर्जी डाक्टरों की कुंडली, देखना है इस बार क्या करता है स्वास्थ्य विभाग
संजीव श्रीवास्तव
सिद्धार्थनगर का स्वास्थ्य मोहकमा एक बार फिर नींद से जागने वाला है। फर्जी डाक्टरों की अज्ञानता के चलते लगातार हो रही मौतों को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने तकरीबन तीन सौ डाक्टरों की कुंडली बनकर तैयार है, जो बिना डिग्री के बड़े बडे़ बोर्ड टांग कर मौत का सौदागार बने हुए हैं। मजे की बात है कि ऐसी सूचिंयां तो विभाग ने कई बार तैयार की है। पूर्व में इस तरह के दावें हो चुके हैं, मगर नतीजा सिफर ही रहा। देखना इस बार भी कार्रवाई होगी या नहीं? यह सवाल हर किसी के मन में कौंध रहा है।
जिला मुख्यालय समेत सिद्धार्थनगर के ग्रामीण इलाकों में फर्जी डाक्टरों की संख्या दिन दूनी रात चौगुनी बढ़ रही है। अभी तक इनका शिकार भोले-भाले ग्रामीण ही हो रहे थे, मगर अब इन मौत के सौदागारों ने बच्चों को भी अपना निवाला बनाना शुरु कर दिया है। एक सप्ताह पूर्व सिद्धार्थनगर के जनपद मुख्यालय पर बिना विशेषज्ञ के चल रहे एनआईसीयू में एक मासूम की मौत ने सेहत के अफसरों को भी हिला कर रख दिया था।
हालांकि इस मौत के मामले में डाक्टर ने मृतक के परिजनों को सेटिंग गेटिंग कर मामला थोड़ा शांत जरुर करा दिया, मगर विभाग हरकत में आ गया। उसने सिद्धार्थनगर में चल रहे नार्सिंग होमों और फर्जी डाक्टरों की कुंडली तैयार करना शुरु कर दिया। विभागीय सूत्रों की मानें तो तहसीलवार सूची बनायी गयी है। सर्वाधिक फर्जी डाक्टरों की तादाद डुमरियागंज और सबसे कम नौगढ़ तहसील क्षेत्र में है।
स्वास्थ्य विभाग के सक्रिय होते ही फर्जी डाक्टरों व अवैध नार्सिंम होम संचालकों की बेचैनी बढ़ गयी। सिद्धार्थनगर-बांसी मार्ग पर भीमापार में एक नार्सिंम होम के बाहर एनआईसीयू की सुविधा होने संबंधित बोर्ड आनन-फानन में गायब हो गया है। इसके अलावा तमाम फर्जी डाक्टरों की क्लिनिक भी कई दिनों से बंद है। विभाग ऐसे डाक्टरों पर भी कार्रवाई करने का मन बना रहा है, जो क्लिनिक के रुप में पंजीकृत है, मगर वहां पर मरीज भर्ती किये जा रहे हैं।
इस बारें में प्रभारी सीएमओ डा विजय कुमार का कहना है कि अब जिले में किसी को भी नागरिकों के जान से खिलवाड़ करने नहीं दिया जायेगा। विभाग ने फर्जी डाक्टरों की सूची बना ली है। जल्द ही उन सब पर कार्रवाई की जायेगी।