दहेज लोभी हत्यारे पति को दस वर्ष की कैद सहित 25 हजार अर्थदण्ड
देवेश श्रीवास्तव
सिद्धार्थनगर। अपर सत्र न्यायाधीश एफ़टीसी प्रथम कामेश शुक्ला ने दहेज की लालच में पत्नी के हत्यारे पति को दस वर्ष कैद की सजा सुनाते हुए उसे 25 हजार रुपये के अर्थदण्ड से भी दण्डित किया है।
घटना ढेबरुआ थानाक्षेत्र के ग्राम मिठवनिया में 25 मार्च 2018 को दिन में करीब 11 बजे घटी थी। मोहाना थानाक्षेत्र के ग्राम हरदासपुर टोला फागूजोत निवासी राम सिंह पुत्र उमराव ने लिखित तहरीर देकर कहा कि उसने अपनी बेटी मालती की शादी घटना से करीब 5 वर्ष पूर्व ढेबरुआ थानाक्षेत्र के ग्राम मिठवनिया निवासी प्रदीप पुत्र उदयराज के साथ किया था। शादी के एक वर्ष पश्चात गौने के जरिये उसकी बिदाई हुई थी। दोनों से डेढ़ वर्ष का एक लड़का भी है।
ससुराल वाले कम दहेज की वजह से नाखुश थे और पति प्रदीप, ससुर उदयराज, सास, चचिया जेठ गोबरी व उनकी पत्नी बिन्द्रावती, चचिया ससुर पृथ्वीराज उसे शारीरिक व मानसिक रूप से प्रताड़ित करते थे। कई बार सम्भ्रांत लोगों की मौजूदगी में पंचायत हुई किन्तु स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ। किसी तरह उसने कर्ज कुआम से व्यवस्था करके 60 हजार रुपये नकद ले जाकर बेटी के ससुराल वालों को दिया। पुनः टेम्पो खरीदने के लिए वे लोग एक लाख रुपये की माँग करने लगे मेरे द्वारा असमर्थता जताने पर मेरी बेटी को धमकाते हुए कहे कि तुम जानो तुम्हारा काम जाने।
दहेज की मांग पूरी न होने पर बेटी के ससुराल के लोगों ने उसके ऊपर मिट्टी का तेल छिड़ककर आग लगा दिया जिससे वह गम्भीर रूप से घायल हो गयी। एक अनजान व्यक्ति द्वारा सूचना मिलने पर वह अपने बेटों एवं रिश्तेदारों को लेकर बेटी की ससुराल जा रहा था तो उसे पुनः सूचना मिली कि डायल 100 की पुलिस के लोग उसकी बेटी को इटवा अस्पताल पर ले जा रहे हैं।
रास्ते में हमलोग के पहुँचने पर मरणासन्न बेटी ने ससुरालियों द्वारा दहेज की मांग के लिए मिट्टी का तेल डालकर जलाने की बात बताई और अस्पताल पहुंचते पहुंचते उसकी मृत्यु हो गयी। पुलिस ने दहेज उत्पीड़न व दहेज हत्या का एफआईआर दर्ज करके लाश का पोस्टमार्टम करवाकर विवेचना किया। विवेचना के बाद पुलिस ने अभियुक्तों के विरुद्ध न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया।
न्यायालय ने मामले का संज्ञान लेकर विचारण प्रारम्भ किया और विचारण के दौरान उपलब्ध साक्ष्यों, पोस्टमार्टम रिपोर्ट, अन्य प्रपत्रों व घटना की स्थिति व परिस्थिति को मद्देनज़र रखते हुए पति को दहेज हेतु पत्नी की हत्या करने का दोषी ठहराते हुए उसे 10 वर्ष के कैद की सजा सुनाई साथ ही उसपर 25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया। राज्य सरकार की तरफ से पीड़ित पक्ष की पैरवी अपर जिला शासकीय अधिवक्ता राजेश कुमार त्रिपाठी ने किया।