Ya khuda- जिसे फज्र की नमाज पढ़ना था, लोगों को उसके जनाजे की नमाज पढ़नी पड़ी
अजीत मौर्य
बांसी, सिद्धार्थनगर। रोज की तरह सनाउल्लाह रात को तीन बजे उठा। उसे सेहरी के बाद फज्र की नमाज आदा करना था, लेकिन सेहरी से पहले हुए भयनक हादसे में उसे जान गंवानी पड़ गई और लोगों को कल उसके जनाजे की नमाज अदा करनी पड़ी। यह दर्दनाक हादसा बांसी कोतवाली के दानो कुइयां के जिगना गांव में हुआ।
दानोंकुइयां गांव में दोस्त मुहम्मद का २८ साल का बेटा सनाउल्लाह दीनदार था। रमजान में रात में अफ्तारी के बाद फजर की नमाज आदा करने के बाद ही वह सोता था। रोज की तरह वह रात में तीन बजे उठा। घर में बिजली नहीं थी। उसके घर के पास ट्रांसफार्मर थी। वह वहां गड़बड़ी ठीक करने गया। बिजली नहीं होलने के कारण वह बेफिक्र होकर तार जोड़ने लगा।
बताते हैं कि इसी दौरान बिजली आ गई और करंट के झटके से से वह दूर गिर कर तड़पने लगा। चीख सुन कर गांव के लोग दौड़े। सनाउल्लाह जमरन पर तड़प रहा था। गांव वाले उसे लेकर फौरन जिला अस्पताल भागे, लेकिन उसने रास्ते में ही दम तोड़ दिया। उसके कई छोटे बच्चे भी हैं। जो अब अनाथ हो गये हैं।
घटना के बाद पुलिस ने लाश को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। मातम के माहौल में कल देर रात में उसे सिपुर्दे खा किया गया। इस घटना से गांव में शोक का माहौल है। घर के लोग कुदरत के इस फैसले को लेकर दुखी हैं, लेकिन खुदा की मर्जी बता कर खुद को समझाने में लगे हैं।