मुख्यालय पर अरसे से चल रहे देह व्यापार का भंडाफोड़, धंधा कराने वाली महिला बेटी समेत जेल गई
20 वर्षीया युवती के माध्यम से हुआ खुलासा, धंघे में लिप्त महिला थी बहुत शातिर, नगरपालिका के 25 सभासद भी थे उसके आगे असहाय
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। बीती रात शहर के ऑफिसर्स कॉलोनी वार्ड में अवैध देह व्यापार कराने का भंडाफोड़ हुआ है। पुलिस चौकी जेल रोड से महज 500 मीटर दूर कांशीराम आवास में चल रहे इस धंधे का भंडाफोड बस संयोग वश हो गया वरना शहर के सभी सभासदो के महीनों से उसके खिलाफ आवाज उठाने के बावजूद कुछ नहीं हो पा रहे था। इस मामले में कोतवाली पुलिस ने 37 साल की एक महिला व उसकी 15 साल की बेटी के खिलाफ गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया है। बाद में कोर्ट ने महिला को जेल और उसकी बेटी को किशोर न्याय बोर्ड की संरक्षा में भेज दिया है। इस मामले की गहाराई से जांच करने पर कुछ और बड़े खुलासे होने की संभावना है।
कैसे हुआ धंधे का खुलासा
खबर के अनुसार शहर के बेलहिया मंदिर के पास मंगलवार रात 8:30 बजे कांशीराम आवास के कमरे से भाग रही 20 वर्षीया एक युवती को महिला ने पकड़ लिया और सड़क पर ही पीटते हुए उसे फिर से कमरे में ले गई और बाहर से दरवाजा बंद कर दिया। इस घटना के दौरान मौके पर भीड़ जु़ट गई। भांति भांति की चर्चाओं के बीच किसी ने 112 पर सूचना दे दी।
पुलिस कांशीराम आवास पहुंच गई। अभी वह महिला तीसरी मंजिल से नीचे उतर रही थी कि पुलिस ने दबिश दे दी। महिला पुलिस कर्मी भी मौजूद थी, उन्होंने सभी को हिरासत में ले लिया। उस महिला के आवास से एक युवती भी मिली। यह वही युवती थी, जिसे महिला सड़क से मार पीट कर अपने आवास पर ले गई थी।
गिरफ्तार महिला के घर पर मिली युवती को थाने लाकर पूछ ताछ की गई तो उसने पुलिस को सारा व्यौरा दिया। 20 वर्षीया उस युवती ने बताया कि उसे घर में जबरन बंद रख गया था। उससे देह व्यापार कराने के प्रयास किये जा रहे थे। वहां इस प्रकर का काम अरसे से किया जा रह था। उस लड़की की तहरीर पर पकड़ी गई मां-बेटी के खिलाफ सदर कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया फिर उसे न्यायालय पेश किया गया, जहां से मां बेटी को जेल भेज दिया गया तथा बेटी को बाल संरक्षण गृह भेजा गया है।
6-7 माह से बंधक होने का लगाया आरोप
पुलिस ने युवती की तहरीर पर केस दर्ज किया। युवती ने बयान दिया है कि वह मिश्रौलिया थाना क्षेत्र की रहने वाली है। अविवाहित है और 6-7 माह से आवास में महिला के कब्जे में थी। उसने बयान दिया है कि उसे बाहर नहीं जाने दिया जाता था और दिन और रात में कई लोगों को बुलाकर उसके साथ व्याभिचार कराया जाता था।
स्थानीय लोगों ने घेर लिया था आवास
घटना के बाद करीब 50 लोगों से आवास को घेर लिया था ताकि दिव्यांग युवती को कहीं भगाया न जा सके। इसकी वजह यह थी कि लोग शिकायत करते थे तो पुलिस साक्ष्य के अभाव में महिला के खिलाफ कार्रवाई नहीं करती थी। सभासद प्रतिनिधि सतीश रस्तोगी ने पुलिस अधीक्षक सहित अन्य पुलिस अधिकारियों को जानकारी दी तो पुलिस भी ज्यादा अलर्ट हो गई।
पेट्रोल लेकर डीएम कार्यालय पहुंची थी महिला
बताते है कि उस महिला के खिलाफ स्थानीय नगर पालिका के 25 में से 22 सभासदों ने ढाई माह पहले तत्कालीन जिलाधिकारी संजीव रंजन से मिलकर महिला को कांशीराम आवास से बेदखल करने की मांग की थी। सभासद धनन्जय सहाय व फतेबहदुर सिंह आदि वरिष्ठ सभासदों ने आरोप लगाया था कि वह महिला अवैध रूप से कांशीराम आवास में रहती है और वह पहले भी पाक्सो एक्ट के अंतर्गत जेल भेजी जा चुकी है। इस मामले में कार्रवाई होने से पहले ही एक दिन बाद आरोपी महिला पेट्रोल का गैलन लेकर आत्मदाह की घोषणा के साथ जिलाधिकारी कार्यालय पहुंची गई थी और उसके आत्मदाह की धमकी से प्रशासन डर गया था और वह फिर उसी आवास में रहने लगी थी।
सदर कोतवाल ने बताया
इस बारे में सदर कोतवाल सतीश सिंह ने बताया कि युवती को बंधक बनाकर देह व्यापार कराने के मामले में महिला को जेल भेज दिया गया, जबकि उसकी पुत्री को किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष प्रस्तुत कर दिया गया। पीड़ित युवती को वन स्टॉफ सेंटर भेजा गया है।