घूंघट की ओट में मुखिया, अंधेरे में पंचायती राज

December 16, 2015 12:41 PM0 commentsViews: 606
Share news

हमीद खान

गडिया के जीत पर माला पहनर कर घूमते उनके देवर रशीद शाह और ब्लाक के बाहर बैठी एक महिला प्रधान

बिस्कोहर की गुडिया की जीत पर माला पहन कर घूमते उनके देवर रशीद शाह और प्रमाणपत्र लेने के आस में बैठी एक महिला प्रधान

सिद्धार्थनगर। शासन महिलाओं को पंचायतों में तैंतीस प्रतिशत आरक्षण दे कर उन्हें समाज में आगे लाने को कार्य कर रहा है। लेकिन अभी भी आधी आबादी घूंघट के दायरे से बाहर नहीं निकल पा रही है।

चुनाव में उनके पति, देवर, ससुर ने कडी मेहनत कर के चुनावी वैतरणी पार तो कराई, लेकिन बिना प्रत्याशी के प्रमाण पत्र न देने पर महिलाओं को आर ओ के समक्ष उपस्थ्ति होना पडा। गांव की विजयी मुखिया मतगणना स्थल पर आयीं तो मगर उन के मुंह से घूघंट नही हट सका।

जिले की तकरीबन चार सौ ग्राम ग्राम पंचायतों में महिलाओं ने ही कब्जा जमाया है। चुनावी नतीजे भले ही उन के पक्ष में हों, लेकिन असली चेहरा उनके पति‘ ससुर के साथ देवर हैं। जिन्होंने कड़ी मेहनत से विजय दिलाई।

महिला मुखिया चुनी गई महिलाओं को शायद यह भी नहीं मालूम है कि गांव में कितने मत पडे थे और कितने लोगों ने अपना समर्थन दिया था। जब वे अपना प्रमाण पत्र लेने कालेज पहुंची तो भी उन का घूंघट नही हट सका।

लेकिन समाज विज्ञानी कहते हें कि धमी गति से ही सही अब हालात बदल रहे हैं। आने वाले कुछ दिनों में स्थिति में सुधार होगा। महिलाएं खुद आगे निकलेंगी। शुरुआत हो चुकी है।

Leave a Reply