डुमरियागंज सीट से कांग्रसियों को पछाड़ कर भाजपाई डा. चन्द्रेश ने मारा हाथ का “पंजा”
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। पूर्वी यूपी की हाट सीट मानी जा रही डुमरियागंज सीट से कांग्रेस से टिकट मांग रहे सारे दिग्गजों को पछाड़ कर भाजपा के टिकट से वंचित युवा नेता डा. चन्द्रेश उपाध्याय टिकट पाने में सफल हुए हैं। वह मुख्यालय पर प्रसिद्ध हड्उी रोग विशेषज्ञ के रूप में प्रतिष्ठित हैं। उनको टिकट मिलने से डुमरियागंज की लड़ाई दिलचस्प होने के आसार बन गये हैं। इस खबर के बाद चन्द्रेश के समर्थर्कों में जश्न है। चन्द्रेश उपाध्याय सिम्बन के लिए रवाना हो गये है।
डा चन्द्रेश उपाध्याय इस बार डुमरियागंज से भाजपा के टिकट के प्रबल दावेदार थे। पार्टी में उनकी पैरवी भी प्रभावशाली थी, लोग मान रहे थे कि वह जगदम्बिका पाल से टिकट छीन सकते हैं। लेकिन अंत में सांसद जगदम्बिका पाल टिकट प्राप्त कारने में रहे। भाजपा की घोषणा के बाद वे कांग्रे से टिकट के प्रयास में लग गये। पहले चरण में वे टिकट की रेस में पीछे थे, लेकिन शुक्रवार को कानपूर के रोड शो में श्रीप्रकाश जायसवाल और प्रियंका गांधी के की बात चीत में डा. चन्द्रेश के पक्ष में माहौल बनाया गया। याद रहे श्रीप्रकाश कांग्रेस के दिग्गज हैं और डा. चन्द्रेश के ससुराली रिश्तेदार हैं।
कैसे हुआ टिकट युद्ध?
डा. चन्द्रेश द्धारा टिकट मांगने के दौरान प्रियंका के करीबियों दूसरे अर्थों में उनके सलाहकारों से सम्पर्क किया। उनमें अजय कुमार सिंह लल्लू और जुबैर अहमद पहले पप्पू चौधरी के लिए लाबीइंग कर रहे थे। लेकिन बाद में वे डा. चन्द्रेश के पक्ष में लाबीइंग में जुट गये। इसके बावजूद भी डा. चन्द्रेश टिकट की रेस में चौथे और बाद में तीसरे नम्बर पर ही आ सके। लग रहा था कि टिकट पूर्व सांसद मुकीम और कांग्रेस नेता नर्वदेश्वर शुक्ल में से ही किसी को मिलेगा। नर्वदेश्वर शुक्ला से तो उनके क्राइम रिकार्ड की जानकारी तक मांग ली गई थी, लेकिन बाजी पलट गई।
लेकिन पूरे मामले में नाटकीय मोड़ आया कानपूर में प्रियंका के रोड शो के दौरान। रोड शो में प्रियंका और कांग्रेसी दिग्गज श्रीप्रकाश जायसवाल काफी देर तक साथ रहे। इस दौरान श्रीप्रकाश ने डा. चन्द्रेश के बारे में लम्बा फीड बैक दिया। यही नही उन्होंने डा. चन्द्रेश के बारे में अनेक तर्क के एक साथ एक पत्र भी दिया। कांग्रेस के एक महत्वपूर्ण सूत्र का कहना है कि शनिवार को इस प़त्र को पढ़ने व तमाम बिवचार विमर्श के बाद डा. चन्द्रेश के पक्ष में निर्णय लिया गया।
डा. चन्द्रेश लखनऊ रवाना
बताते हैं कि देर रात चन्द्रेश को कांग्रेस से टिकट दिये जाने की सूचना दी गई। इसके बाद आज सुबह डा. चन्द्रेश सिम्बल (बी फार्म) लेने के लिए प्रदेश काग्रेस कमेंटी कार्यालय लखनऊ के लिए रवाना हो गये। इस बारे में जब मीडिया कर्मियों ने उनसे बात की तो उन्होंने सीघे कुछ कहने बजाय केवल इतना ही कहा कि उनका टिकट लगभग तय है। लेकिन इस बारे में वह 6 बजे के बाद ही कुछ बोलेंगे। दरअसल वह फार्म बी मिलने से पहले कुछ बोलना नही चाहते हैं।
क्या कहते हैं कांग्रेस के सबसे बडे दावेदार मु. मुकीम
इस बारे में जब मीडिया ने टिकट के सबसे तगड़े दावेदार और पूर्व सांसद मुहम्मद मुकीम से बात की तो उन्होंने कहा कि वह तो जिले में हैं, अगर टिकट डा. चन्द्रेश को मिला है तो वे क्या कर सकते हैं। बातचीत के दौरान पूर्व सांसद की बाडी लैंग्वेज पूरी तरह बदली लग रही थी। पहले वे पूरे आत्म विश्वास से कहते थे कि मै कांग्रेस का घोषित उम्मीदवार हूं, मगर अब उनका आत्मविश्वास गायब है।
नर्वदेश्वर शुक्ल ने की सटीक टिप्पणी
दूसरी तरफ एक अन्य दावेदार नर्वदेश्वर शुक्ला का कहना है कि कांग्रेस में कुछ भी हो सकता है। मैने टिकट के लिए आवेदन तक नहीं किया था, मगर कांग्रेस ने मुझे टिकट की रेस में ला दिया। ऐसे में अगर वह अचानक किसी और को टिकट देी है तो ताज्जुब क्या? बड़ी पार्टियों में यह सब होता रहता है।
चुनाव अब दिल्चस्प मोड़ पर
चन्द्रेश उपाध्याय को टिकट मिलने के बाद डुमरियागंज संसदीय सीट पर चुनावी परिदृश्य बदलने के साथ रोचक और रोमांचक हो गया है। 11 प्रतिशत ब्राहमणों व अपने व्यक्तिगत समर्थकों को लेकर उनके पास बड़ा वोट बैंक है। ऐसे में अगर पूर्व सांसद मु. मुकीम व ब्राहमण नेता नर्वदेश्वर शुक्ला, के साथ कांग्रेस की पूरी टीम ईमानदारी से मेहनत करे, तो डा. चन्द्रेश जिस प्रकार किट लेने में डार्कहार्स साबित हुए हैं, वैसे ही वह चुनाव में भी अप्रत्याशित नतीजे दे सकते हैं। लेकिन सवाल है कि क्या काग्रेस नेता इतनी एकता दिखाएंगे?