अगर इस बार भी धनपशु जीते तो राजनीति को अलविदा कह दूंगा– कन्हैया वर्मा
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। समाजसेवी और नगरपालिका सिद्धार्थनगर से चेयरमैन पद के उम्मीदवार कन्हैया वर्मा ने एलान किया है कि अगर इस बार भी नगर निकाय के चुनाव में जनता ने धनपशुओं पर भरोसा किया तो वे चुनावी राजनीति को अलविदा कह देंगे, मगर जनता कि सेवा पूर्ववत करते रहेंगे। उन्होंने कहा है कि राजनीति में धनपशुओं प्रभाव से उनका भरोसा हिलने लगा है।
कन्हैया वर्मा आज कपिलवस्तु पोस्ट के कार्यलय में आये। वह बहुत भावुक थे। उन्होंने कहा कि अध्यक्ष पद के मुख्य संघर्ष में होने के बावजूद मीडिया उनको तरजीह नहीं दे रहा है। कतिपय मीडियाकर्मी कहते हैं कि विज्ञापन के बिना खबर छापना कठिन है। उन्होंने कहा कि उनके 30 साल के संघर्ष में ऐसी स्थिति कभी नहीं आई। अब हालत यह हो गई है कि पैसे के बिना राजनीति संभव नहीं रह गई है।
उन्होंने कहा कि उनके तीस साल के संघर्षां का मीडिया ने पूरी जगह दी। मगर पिछले कई चुनावों में उम्म्ीदवारों के धनबल के आगे वे मुख्य संघर्ष में रह कर भी चुनाव हारते रहे। पहले दलाल धनपशु उम्मीदवार के लिए काम करते थे, अब मीडिया भी वहीं करने लगी है। उन्होंने कहा कि वोटरों का एक वर्ग संघर्ष को भूल कर जाति, बिरादरी और पैसे पाकर लोकतंत्र की हत्या करने की आदत बनाने लग गया है।
उन्होंने कहा कि नौगढ़ के लिए उनके संघर्षों का इतिहास है। कितना संघर्ष किया यह पहले मीडिया ने दिखाया है। लेकिन वोटरों का एक तबका संघर्षां के बजाया पैसे को प्राथमिकता दे रहा है। अब इस खेल में मीडिया भी शामिल हो गई है। उन्होंने कहा कि अगर इस चुनाव में वह फिर हारे तो अपने संघर्षों की पूरी फाइल वह शहर की मुख्य सड़क पर जला कर चुनावी राजनीति से सन्यास ले लेंगे, मगर जनता के सवालों को लेकर लड़ते रहेंगे।
उन्होंने कहा कि इस बार भी पहले की तरह वे मुख्य संघर्ष में हैं। लेकिन धन न बांटने के चलते अखिरी वक्त में जीतते जीतते हार जाते है। इसलिए उन्होंने इतना कड़ा फैसला लिया है। अगर लोगों को धन के आधार पर ही वोट देना है तो वह इस गंदगी में आने के बजाये चुनावी राजनीति को छोड़ना ही पसंद करेंगे।
एक अन्य समाचार के अनुसार सर्राफा कल्याण एसोसिएशन और आदिवासी विकास संस्थन ने उन्हें समर्थन देने का एलान किया है। सर्राफा संगठन के जिला अध्यक्ष ने एक प्रेसनोट जारी कर कहा है कि उनका संध तन मन धन के साथ कन्हैया वर्मा के साथ है। दूसरी तरफ आदिवासी संस्थान के अध्यक्ष उमाशंकर गौंड ने उन्हें समर्थन देते हुए अपने समाज से से कन्हैया वर्मा को वोट देने का आग्रह किसा है।