सोलह साल के दिलीप को मौत खींच लाई रेलवे क्रासिंग पर
नजीर मलिक
सोलह साल का दिलीप घर का लाडला था। घरवालों को उससे बहुत उम्मीदें थीं। लेकिन उसे क्या पता था कि मंगलवार को उसकी साइकिल यात्रा, मौत की यात्रा साबित होगी। उसके घर आज मातम है। पूरे गांव में लोग दिलीप के चर्चे कर रहे हैं।
दिलीप दरअसल शोहरतगढ़ तहसील के मदरहना गांव का रहने वाला था। वह मंगलवार की सुबह घर से साइकिल के जरिए घर से अपने रिश्तेदारी के लिए निकला था। लेकिन आठ बजे चिल्हिया इलाके के गौहनियां रेलवे क्रासिंग पर उसकी लाश मिली।
घटना की खबर पाकर उसके पिता हरि प्रसाद भी अपने साथियों के साथ मौके पर पहुंचे। दिलीप की हादसे में र्माैत को उन्होंने स्वीकार किया। उनका कहना था कि रेल सुबह गुजरती है। फाटक मानव रहित है। इसलिए एक्सीडेंट संभव है।
बहरहाल, लाश पोस्ट मार्टम के लिए भेज दी गई है, लेकिन दिलीप तो अब इस दुनियां में नहीं है। फिलहाल सभी को पोस्ट मार्टम रिपोर्ट का इंतजार है। यह और बात है कि उसवके घर ही नहीं गांव में भी मातम है। इसलिए कि दिलीप गांव का अच्छा और चहेता लड़का था।
याद रहे कि जिले में रेलवे के एक दर्जन मानव रहित फाटक हैं। जहां आये दिन दुर्घटना होती रहती है। फिर भी रेलवे कोई कदम नहीं उठाता है। लोगों ने डीआरएम से इस दिशा में कार्रवाई की मांग की है।