दिलशाद ने प्रेम किया, धर्म बदला, हिंदू रीति से शादी की, फिर भी उसे बलात्कारी साबित कर रही जहरीली मीडिया
धर्म परिवर्तन व आर्य समाज विधि से शादी की सर्टीफिकेट पेश कर
पाई थी जमानत, मगर साम्प्रदायिक मीडिया उसे देख नहीं पा रही
नजीर मलिक
गोरखपुर। गत 21 जनवरी को में गोरखपुर न्यायालय के सामने दिन के डेढ़ बजे दिन गोलियों से मार दिया गया दिलशाद बलत्कारी नहीं था, जैसा कि कुछ अखबार और यू ट्यूबर अपने चैनलों में बता रहे हैं। दरअसल यह आनर किलिंग का मामला था। हांलाकि दिलशाद ने अपनी महबबूा को पाने कि लिए अपना धर्म परिवर्तन कर लिया था और हिंदू बन कर मंदिर में शादी कर ली थी लड़की के फौज से रिटायर्ड पिता ने उस पर लड़की की भगाने और उससे रेप करने का मुकदमा लिखवाया। मामला न्यायालय में जाने पर माननीय कोर्ट ने लड़की के बयान और अन्य आरोपों के आधार पर गंभीर धराओं के बावजूद दिलशाद को जल्द ही जमानत दे दी मगर स्वाभिमान और झूठे अहं के नाम पर लड़की के बाप ने गोली मार कर उस दिलशाद का कत्ल कर दिया जिसने मुहब्बत के नाम पर अपना धर्म ईमान सब कुछ कुर्बान कर दिया था।
क्या है असली कहानी
दरअसल बिहार का रहने वाला दिलशाद गोरखपुर के बड़हलगंज कस्बे में साइकिल मरम्मत का काम करता था। वहीं विनीता (कल्पित नाम) नाम की लड़की के परिवार से उसका परिचय हुआ। फिर आने जाने के दौरान दिलशाद और विनीता में प्रगाढ़ सम्बंध बना जो कालांतर में प्रेम में तब्दील हो गया। फिर अचानक 17 फरवरी 2020 को लड़की के पिता ने रिपोर्ट लिखाई कि उसकी बी.ए. सेकेन्ड ईयर में पढ़ रही बेटी का दिलशाद ने 11 फरवरी को अपहरण कर लिया है। वह उसके साथ गलत कृत्य कर और करवा सकता है। पिता की ओर से लड़की को नाबालिग बताया गया है। इसके कारण उसके विरूद्ध पाक्सो एक्ट भी लगा दिया गया। इस घटना के बाद पुलिस हरकत में आई और पुलिस ने विनीता और दिलशाद को बरामद कर ने के बाद दिलशाद को जेल और विनीता को उसके पिता के पास भेज दिया गया। बाद में उसकी जमानत हाई कोर्ट से 17 सितम्बर 2020 को आसानी से हो गई।
दस्तावेेज के मुताबिक बालिग थी विनीता
दिलशाद के पक्ष से कोर्ट में जो दस्तावेज पेश किये गये थे उसमें आर्यसमाज द्धारा जलारी एक शादी का सर्टिफिकेट था, जिसके अनुसार दिलशाद ने इस्लाम धर्म त्याग कर हिंदू धर्म स्वीकार करते हुए अपना नाम दिलराज कर लिया था और उसने उसी मंदिर में विनीता से शादी भी कर लिया था। उसके अलावा दिलशाद के पक्ष से कोर्ट में उसकी जन्म तिथि सम्बंधी जो सर्टिफिकेट जारी किये गये थे उसके अनुसार विनीता की जन्म तिथि 5 दिसम्बर 1998 थी और वह बीए द्धितीय वर्ष की छात्रा थी। इस पर कोर्ट ने प्रथम दृष्टयः दिलशाद द्धारा पेश किये गये सबत को सच़ मानते हुए उसे जमानत दे दिया था। कहते हैं कि लड़की ने अपने कलमबंद बयान में भी अपने साथ बलात्कार न होने की बात कही थी। यही नहीं दिलशाद के वकील शंकर शरण शुक्ल ने गोरखपुर न्यूज लाइन से बात करते हुए बताया कि अब वादी और कथित पीड़िता विनीता को गवाही देने के लिए नोटिस भी जारी हुई मगर विनीता के पिता न स्वयं आये न ही लड़की को पेश किये।
जेेल मेेंं हैै विनीता का बाप
बहरहाल गत 21 जनवरी को इस मुकदमे की तारीख थी। इदलशाद इसदिन गोरखपुर कोर्ट आया हुआ था। मगर कोविड के कारण कोर्ट में नहीं जा सकता था। अत़्ः वह साइकिल स्टैंड के पास खड़ा होकर अपने वकील को फोन कर बुलाया।मगर उसके अधिवक्ता वहां पहुंचते इससे पूर्व विनीता का रिटायर्ड फौजी पिता वहां पहुंच गया और उसने दिलशाद को सर और पेट में गोली मार कर उसे समाप्त कर दिया। वह भागते हुए पकड़ भी लिया गया और अभी जेल में है।
मीडिया का घृणित चेेहरा
सबसे बड़ी बात यह है कि गोरखपुर की मीडिया खास कर सोशल मीडिया के लोग इस घटना को हिंदू बनाम मुस्लिम की तर्ज पर पेश कर रहे हैं। वह मृतक दिलशाद को बार बार ब्लात्कारी लिख कर विनीता के कातिल पिता के लिए भावुक अपील कर रहे हैं। लेकिन दिलशाद और विनीता में प्रेम होने, दिलशाद का धर्म परिवर्तन कर हिंद धर्म स्वीकार करने और उसकी आर्यसमाज द्धारा की गई मैरिज सर्टि फिकेट व जन्म तिथि आदि तथ्य छुपा कर माहौल को विषाक्त कर रहे हैं। कहा तो यहां तक जा रहा है कि सब कुद चुनाव को देखते हुए नियोजित ढंग से किया अथवा कराया जा रहा है।