बेरहम डॉक्टर, टीबी से बीमार चार बच्चों को अस्पताल से बाहर निकाला
संजीव श्रीवास्तव
“डॉक्टरी पेशा एक बार फिर शर्मसार हुआ है। टीबी से जूझ रहे चार मासूम बच्चों को सरकारी डॉक्टर ने ज़िला अस्पताल से बाहर फिंकवा दिया। मगर जंगल में आग की तरह यह ख़बर ज़िलाधिकारी डॉक्टर सुरेंद्र कुमार तक पहुंच गई। उनकी दखलअंदाज़ी से बच्चों को दोबारा अस्पताल में शिफ्ट किया गया।”
टीबी की बीमारी तीन महीने पहले संतोष की पत्नी को निगल गई। अभी वह इस सदमे से उबर रहा था कि उसके चार नाबालिग बच्चे आरती (12), अमर (8), आनंदी (6) लवकुश (3) भी इसका शिकार हो गए। रविवार को संतोष इन बच्चों को लेकर ज़िला अस्पताल पहुंचा। सभी को इमरजेंसी वॉर्ड में भर्ती करवाया गया। मगर रातभर भर्ती होने के बावजूद बच्चों की सेहत में कोई सुधार नहीं हुआ।
सोमवार की सुबह अस्पताल में तैनात बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टक एसएल पटेल वार्ड में पहुंचे। संतोष के बच्चों की जांच के बाद उन्होंने बताया कि चारों बुरी तरह टीबी की गिरफ्त में हैं। इसके बाद चारों बच्चों को उनके पिता समेत वार्ड से निकल जाने को कहा गया। संतोष ने यह आपबीती आसपास के लोगों से सुनाई तो माहौल गर्म हो गया।
मीडिया के ज़रिए इस हादसे की जानकारी डीएम को हुई। उन्होंने फौरन मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर ओपी सिंह को तलबकर बच्चों को तत्काल अस्पताल में भर्ती करने का निर्देश दिया। इसके बाद सीएमएस ने चारों बच्चों को दो प्राइवेट वार्ड में भर्तीकर उनका इलाज शुरू किया। वहीं आरोपी डॉक्टर का कहना है कि बच्चों में भीषण क्षयरोग है जिन्हें अन्य मरीज़ों के साथ रखना खतरे से खाली नहीं था। इसीलिए मरीज़ों को डिस्चार्ज किया था।
11:48 PM
बच्चों की बीमारी से ज्यादा खतरनाक ये डॉ है ।इसे फ़ौरन सस्पेंट कर देना चाहिए