डुमरियागंज में इस बार कड़ी लड़ाई के आसार, मधुसूदन ने दिलाया भाजपा की एकजुटता का विश्वास
नजीर मलिक
डुमरियागंज नगर पंचायत से भाजपा टिकट के दो शक्तिशाली दावेदारों के बीच टिकट जिसे भी मिलेगा त्रिकोणीय लड़ाई में भाजपा व सपा को कड़ी टक्कर देगा। पहले फेसबुक की चर्चाओं और अफवाहों से ऐसा लग रहा था कि भाजपा में बगावत की आशका हो सकती है जिससे गत चुनाव की तरह इस बार भी सपा बसपा फायदे में रहेगी, लेकिन इस बार भाजपा दावेदारों ने टिकट न मिलने पर भी पार्टी के प्रति वफादार रहने का संकल्प व्यक्त किया है। इससे लड़ाई का रुख बदलने के आसार बनने लगे हैं।
गुरुवार को कपिलवस्तु पोस्ट में प्रकाशित एक समीक्षा रपट का संज्ञान लेते हुए टिकट के यशक्त दावेदार और पिछले निकाय चुनाव में बहुत कम मतों से पराजित मधुसूदन अग्रहरि ने बातचीत में सपष्ट किया की वह पार्टी के निष्ठावान सेवक हैं। वह टिकट मिले या नमिले पार्टी की सेवा में कोई कसर नहीं नहीं उठा रखेंगे। केवल चुनाव ही उनका अभीष्ट नहीं है। इस बार वह जीतने जा रहे हैं। ऐसे में उन्हें उम्मीद है कि पार्टी उनके बारे में सकारात्मक निर्णय लेगी।
भाजपा नेता मधुसूदन अग्रहरि के बयान पर गौर करें तो एक बात स्पष्ट है कि डुमरियागंज नगर पंचायत में भाजपा इस बार एकजुट है। फलतः इस बार लड़ाई के रोचक होने के आसार हैं। जानकार बताते हैं कि इस बार निवर्तमान चेयरमैन जफर अहमद के स्थान पर समपा से उनकी अनुज बहू कहकशां परवीन उम्मीदवार है। परन्तु जफर के पिछले कार्यकाल में उनकी छवि एक आलसी नेता की रही। वह पांचो साल तक जनता से कटे रहे। जबकि पिछली बार सपा लड़े बसपा के अतीकुर्ररहमान इस बार बसपा से हैं। इसलिए उम्मीद की जा रही है कि यहां भापा और बसपा में कड़ी टक्कर होगी। वैसे कांग्रेश से अशोक गुप्ता भी कम प्रभावशाली नहीं है। अशोक और अतीकुर्रहमान के नाम पर उनके घर की महिलाएं ही उम्मीदवार होगी।
कुल मिला कर भाजपा का टिकट मधुसूदन अग्रहरि या श्यामसुंदर अग्रहरि में से किसी को मिले। बगावत न होने की दशा में भाजपा का पलड़ा यहां भारी रहेगा। उनके मुकाबला बसपा के अतीकुर्रहमान से ही होगा। वह क्षेत्र काफी सक्रिय भी रहे हैं। इसके अलावा अशोक कुमार व कहकशां के बीच की यह लड़ाई आगे किस मोड़ पर पहुंचेगी, यह नामांकन प्रक्रिया समाप्त होने के बाद स्पष्ट होना शुरू होने लगेगा।