डुमरियागंज से कांती पांडेय की उम्मीदवारी गुल खिलाएगी, बिगड़ सकते हैं भाजपा के समीकरण?
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। कल कांग्रेस पार्टी ने जिन 125 उम्मीदवारों का एलान किया है उसमें जिले की डुमरियागंज विधानसभा सीट से श्रीमती कांती पांडेय का नाम भी शामिल है। कांती पांडेय डुमरियांज के वरिष्ठ कांग्रेस नेता सच्चिदानंद पांडेय की पत्नी है। बता दें कि कपिलवस्तु पोस्ट ने पिछले सप्ताह ही एक खबर के माध्यम से इसका संकेत दे दिया था।
सच्चिदानंद पांडेय का मजबूत जनाधार
कांती पांडेय को टिकट दिया जाना प्रियंका गांधी की उस नीति पर अमल किया जाना है जिसमें उन्होंने 40 प्रतिशत महिलाओं को टिकट देने का एलान किया था। कांती पांडेय को टिकट मिलने का अर्थ है कि चुनाव अप्रत्यक्ष रूप से सच्चिदानंद पांडेय ही लड़ेंगे। वह एक जनधार वाले नेता है। वह डुमरियागंज से 2010 में चुनाव लड़कर 26 हजार से अधिक मत प्राप्त कर चुके हैं। जाहिर है कि बेहद कमजोर हो चुकी कांग्रेस के लिए सचिचदानंद पांडेय की जनप्रियता रेगिस्तान में नखलिस्तान की तरह है। वह अपनी पत्नी कांती पांडेय के सहारे डुमरियागंज सीट पर कड़ा मुकाबला करने में यकीनन सक्षम दिखते हैं।
भाजपा के समीकरण बिगड़ने की आशंका
फिलहाल डुमरियागंज में कांती पांडेय की उम्मीदवारी से डुमरियागंज के राजनीतिक समीकरण में बदलाव आने की संभावना है। कहना गलत न होगा कि उनके पति सच्चिदानंद पांडेय कभी पीस पार्टी के नेता हुआ करते थे। इसलिए मुस्लिम और उनकी खुद की जाति (बंह्मण) में उनका जनाधार अधिक है। इसका सीधा असर जानकारों के अनुसार भाजपा पर पड़ेगा क्योंकि इस सीट पर ब्राह्मण ही भाजपा का मुख्य आधार वोट रहा है। बता दें कि बसपा ने भी यहां ब्राह्मण प्रत्याशी अशेक तिवारी को उम्मीदवार बनाया है, और अब कांती पांडेय की उम्मीदवारी से भाजपा को बड़ा झटका लग सकता है।
अनेक गांवों में जश्न का माहौल
कांती पांडेय की उम्मीदवारी से डुमरियागंज विधानसभा के अनेक गांवों में जश्न का माहौल देखा गया। कांती पांडेय के भाजपा समर्थक गांव बहेरिया में उत्साह का माहौल है। यहां के ग्रामवासी बहुत उत्साहित हैं कि उनके गांव के सच्चिदा बाबू की पत्नी को कांग्रेस ने उम्मीदवार बनाया है। इसी प्रकार क्षेत्र के अगया, दाऊजोत, परसपुर, सोनखर, भलुवाही आदि गांवों में कांती पांडेय की उम्मीदवारी से जश्न का माहौल है। यह सभी गांव पूर्व में भाजपा समर्थक माने जाते रहे हैं। इस बारे में सच्चिदानंद पांडेय का कहना है कि उनकी 20 वर्षों की मेहनत का परिणाम है कि कांग्रेस ने उनकी पत्नी पर विश्वास कर उन्हें उम्मीदवार बनाया है। उन्हें यकीन है कि वे उसके विश्वास की परिणाम जरूर देंगे।